आंख (आंखों) के आगे घूमना, आंख नाचना, आंख फिरना, आंख रहना, आंख के सामने घूमना, आंख नाचना, आंख फिरना, आंख लगे रहना, आंख में घूम जाना
आंख के सामने हूबहू रूप खड़ा हो जाना।
चित्रलेखा के स्वर का संगीत उसके कानों में गूंज रहा था, उसके सौन्दर्य की आभा उसकी आंखों के आगे नाच रही थी (चित्र.- भाग. वर्मा, 52)।
आंख (आंखों) के आगे घूमना, आंख नाचना, आंख फिरना, आंख रहना, आंख के सामने घूमना, आंख नाचना, आंख फिरना, आंख लगे रहना, आंख में घूम जाना
ध्यान में आना, स्मृति में बना रहना।
जल-थल-नभ-कानन-घर-भीतर, जहँ लौं दृष्टि पसारौ री तितही तित मेरे नैननि आगैं निरतत नंद-दुलारौ री (सूं. सा.-सूर, 753); लगेइ, रहत मेरे नैननि आगे राम लषन अरु सीता (गीता. (अ) - तुलसी, 53); स्वयं भारतेन्दु जी की दो मूर्तियाँ आज तक आंखों के सामने घूमती हैं (राधा. ग्रंथा. - राधा. दास, 362); तू हरदम मेरी आंखों के सामने फिरती रहती थी (गोदान-प्रेमचंद, 317)।
आंख (आंखों) के आगे नाचना
दे. आंख के आगे घूमना।
आंख (आंखों) के आगे फिरना
दे. आंख के आगे घूमना।
आंख के आगे रहना
दे. आंख के आगे मना, करना।
आंख (आंखों) के इशारे पर चलना
आज्ञाकारी होना, कहे अनुसार करना।
कृष्णकुमार बीबी की आंखों के इशारों पर चलता है।
आंख (आंखों) के इशारे पर नाचना
पूरी तरह वश में होना।
वह तो बीबी की आंखों के इशारों पर न चता है।
आंख के कोये बिलट जाना
मर जाना।
लुट गये पिट उठे गये पटके आंख के भी बिलट गये कोये (चुभते.-हरिऔध, 1.8)।
आंख के कोये बिलट जाना
खूब दर्दशाग्रस्त होना।
दे. प्रयोग (1)।
आंख (आंखों) के तले आना, आंख तीचे आना
देखने में आना।
और पतित आवत न आंखि-तर देखत अपनौ साजौ (सू. सा. - सूर, 96)।