अल्पकालीन निवेश जिसे सुस्थापित बाज़ार में किसी भी समय बेचा जा सके।
Market basket price
बाज़ार बास्केट क़ीमत
क़ीमत तय करने की एक ऐसी प्रणाली जो उस स्थिति में लागू होती हैं, जबकि किसी एक उत्पाद का विक्रय किसी दूसरे उत्पाद के विक्रय का संवर्धन करता हो । विभागीय भंडारों, सुपर बाज़ारों तथा संयंत्र और रोकथाम की संविदाओं के संदर्भ में यह मूल्य प्रणाली बहुत प्रयोग में लाई जाती है । बन्धित विक्रयों के लिए भी उत्पाद क़ीमत इसी प्रकार से निश्चित की जाती है किन्तु बन्धित विक्रय प्रायः क़ानून द्वारा वर्जित होते हैं ।
Market development
बाज़ार विकास
किसी फर्म द्वारा अपने वर्तमान उत्पादों को नए बाज़ारों में ले जाकर बिक्री बढ़ाने का प्रयास । यह मपख्यतः दो प्रकार से संभव है :-
(1) क्षेत्रीय, राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय विस्तार द्वारा अतिरिक्त भौगोलिक बाज़ारों की खोज, तथा
(2) उपयुक्त पदार्थ भेदों, वितरण सारणियों तथा अन्य विज्ञापन माध्यमों से नवीन बाड़ार खंडों को आकर्षित करने का प्रयास ।
Market expansion matrix
बाज़ार विस्तार मेट्रिक्स
इस मेट्रिक्स की सहायता से गहन संवृद्धि अवसरों का बड़ा उपयोगी वर्गीकरण संभव हो जाता है । जिन फर्मों ने अपने चालू पदार्थो और बाज़ारों के अंतर्निहित अवसरों का पूरी तरह दोहन नहीं किया है, उनके लिए गहन संवृद्धि और ये मेट्रिक्स बड़े सार्थक होंगे । मेट्रिक्स बड़े सार्थक होंगे । मेट्रिक्स की यह अवधारणा एन्सोफ द्वारा प्रतिपादित की गई है । निम्न उदाहरण इसका निरूपण करता है ---
विद्यमान उत्पाद नए उत्पाद
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विद्यमान बाज़ार 1. बाज़ार भेदन 3. उत्पाद विकास
नए बाज़ार ----------------------------------------------------
2. बाज़ार विकास 4. विविधीकरण
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Market fragmentation
बाज़ार विखंडन
बाज़ार में अपना स्थान बनाने के प्रयास में प्रत्येक नई कंपनी या तो अपने प्रतियोगी के बाज़ार खंड में या किसी नए बाज़ार खंड में प्रवेश करती है । इस सरगर्मी में एक ऐसी अवस्था आ जाती है कि नए-पुराने सभी प्रतियोगी सभी प्रमुख बाज़ार खंडों तक पहुँच लेते है और एक दूसरे के खंडों पर आक्रमण करना प्रारंभ कर देते है । इसका परिणाम यह होता है कि प्रत्येक फर्म के लाभ-तल गिर जाते हैं और बाड़ार बहुत छोटे-छोटे अंशों में बँट जाता है । इस स्थिति को बाज़ार विखंडन कहते हैं ।
Marketing
विपणन, क्रय-विक्रय
वस्तुओं और सेवाओं को मूल उत्पादक से अंतिम उपभोक्ता तक पहुँचने के सिलसिले में किए जाने वाले क्रय-क्रय, विज्ञापन, पैकिंग, भंडारण, परिवहन, बाज़ार-अनुसंधान आदि कार्यकलाप ।
उपर्युक्त कार्यकलापों का अध्ययन करने वाला शास्र ।
Marketing audit
विपणन लेखापरीक्षा
किसी व्यापारिक इकाई के विपणन पर्यावरण, उसके उद्देश्य तथा उसकी रणनीतियों और क्रियाओं की संपूर्ण व्यवस्थित एवं स्वतंत्र सावधि जाँच पड़ताल को विपणन लेखापरीक्षा कहते हैं । इसका उद्देश्य समस्या के क्षेत्रों तथा फर्म को उपलब्ध अवसरों का निर्धारण करना होता है । विपणन लेखापरीक्षा द्वारा कंपनी एक ऐसी कार्य योजना तैयार करने में समर्थ हो जाती है जिस पर चलने से उसके विपणन निष्पादन में सुधार हो जाता हैं ।
Marketing concept
विपणन संकल्पना
वह धारणा जिसके अंतर्गत प्रतिष्ठान का प्रमुख कार्य लक्ष्याधीन बाज़ारों की इच्छाओं और ज़रूरतों का पता लगाना है और तद्नुसार ऐसी विपणन नीति निर्धारण करना है जिससे अन्य प्रतियोगियों के मुकाबले अधिक कुशलता और प्रभावी ढंग से ग्राहक वर्ग को अभिष्ट संतुष्टि प्रदान की जा सके ।
Marketing effectiveness rating review
विपणन प्रभाविता मापन समीक्षा
किसी कंपनी या उसके प्रभाग की विपणन क्रियाओं की प्रभाविता इस पर निर्भर करती है कि वह विपणन की इष्ट दिशा में किस सीमा तक अग्र सर हो पाई है । यह विपणन अभिविन्यास के पाँच प्रमुख गुणों द्वारा परिलक्षित होती है जो इस प्रकार हैं - ग्राहक दर्शन, समेकित विपणन संगठन, विपणन सूचना की पर्याप्तता, रणनीति संबंधी अभिविन्यास तथा संक्रियात्मक कुशलता । इनमें से प्रत्येक गुण का मापन किया जाता है और यह ज्ञात करने का प्रयत्न किया जाता है कि कंपनी या संबंधित प्रभाग ने किस सीमा तक इन गुणों को अपने विपणन कार्यक्रम में उतार लिया है । उपलब्धि की प्राप्ति के विभिन्न तत्वों को एक वर्ग क्रम में उतार दिया जाता है और इसे विपणन प्रभाविता मापन समीक्षा कहा जाता हैं ।
Marketing growth strategy
विपणन संवृद्धि रणनीति
अधिकांश कंपनियाँ विक्रय और लाभों की निरंतर संवृद्धि को अपना उद्देश्य बना कर चलती हैं । संवृद्धि के अभाव में कंपनी के सामने नई चुनौतियाँ उभर कर नहीं आतीं। उसके उपक्रमी प्रबंधक कंपनी छोड़ कर चले जाते हैं तथा उसके सामने तकनीकी दृष्टि से पुराने पड़ जाने का खतरा पैदा हो जाता है। संवृद्धि की चाह रखने वाली कंपनियाँ उसके लिए एक कार्यनीति का गठन करती हैं और निवेश की अनेक वैकल्पिक दिशाओं में से उपयुक्त दिशाओं का चुनाव करती हैं। ऐसे निवेशों के माध्यम से ही संवृद्धि का उद्देश्य पूरा किया जाता है। कंपनियों की वैकल्पिक कार्यनीतियाँ विपणन प्रणाली की रूपरेखा तथा एक त्रिस्तरीय विश्लेषण के द्वारा सृजित की जाती हैं । पहले स्तर के विश्लेषण द्वारा कंपनी के उन अवसरों की पहचान की जाती है जो उसकी संक्रियाओं के चालू दायरे में पाए जाते हैं । इन्हें गहन संवृद्धि अवसर कहा जाता है । विश्लेषण के दूसरे स्तर पर उन अवसरों की पहचान की जाती है ज्योंकि विपणन प्रणाली के अन्य भागों के साथ एकीकृत होने पर प्रकट होते हैं । इन्हें एकीकरणात्मक संवृद्धि अवसर कहा जाता है । तीसरे स्तर पर किया गया विश्लेषण उन अवसरों की पहचान करता है जो कि वर्तमान विपणन प्रणाली से सर्वथा बाहर होते हैं । इन्हें विविधीकरण संवृद्धि अवसर कहा जाता हैं ।