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Definitional Dictionary of Management Science (English-Hindi)
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Take over bids
अधिग्रहण बोली
किसी व्यक्ति, समूह या कंपनी द्वारा पर्याप्त वोट अधिकार अर्जित कर दूसरी कंपनी पर नियंत्रण करने का प्रयास । एक पब्लिक कंपनी, दूसरी पब्लिक कंपनी के ईक्विटी शेयरों को खरीदने के लिए जो बोली देती है वह सामान्यतया चालू शेयर बाज़ार के मूल्यांकन पर आधारित होती हैं ।

Target marketing
लक्ष्य विपणन
विपणन का वह प्रकार जिसमें विक्रेता एक या अधिक बाज़ार खंड चुन लेता है और अपने उत्पाद का विकास और विपणन कार्यक्रम उस बाज़ार खंड के अनुसार ढालता हैं ।

Task force
कृतिक बल
किसी संगठन का अस्थायी दल जो किसी विशेष लक्ष्य या कार्य करने हेतु गठित किया जाता हैं ।

Tax planning
कर नियोजन
देश के प्रचलित कर विधानों के अंतर्गत प्रदत्त छुटों और रियायतों का ऐसा वैध प्रयोग जिससे करदाता फर्म का कर दायित्व न्यूनतम किया जा सके । इसे कर परिहार भी कहा जाता है । इसके विपरीत जब करदाता फर्म अपने कर दायित्व को कम करने के प्रयास में आय-व्यय में अवैधानिक हेर-फेर करता है या आय और संपत्ति को छिपाता है तो ऐसे प्रयास कर-अपवंचन कहलाते हैं ।

Tachno-economic appraisal
तकनीकी-आर्थिक मूल्यांकन
किसी भी निवेश परियोजना के परिचालन तथा रोकड़ प्रवाह उत्पन्न करने की क्षमता और समग्र रूप से आर्थिक उपादेयता का एक व्यवस्थित विश्लेषण जो परियोजना की उपादेयता का अनुमान प्रस्तुत कर सके । ऐसा मूल्यांकन उन वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है जो परियोजना ऋण प्रदान करती हैं । वित्तीय संस्थाएँ तथा योजना आयोग ऐसा मूल्यांकन प्रायः करते रहते हैं । परियोजना के प्रवर्तक प्रायः उसका एक पूर्वाध्ययन तैयार करते हैं जो ऐसे मूल्यांकन का आधार बनता है और तकनीकी-आर्थिक साध्यता अध्ययन कहलाता है । यह अध्ययन बाज़ार, तकनीकी और वित्तीय पक्षों की विश्लेषणात्मक समीक्षा पर आधारित होता हैं ।

Test marketing
परीक्षा विपणन
जाँच के तौर पर नए पदार्थों को निश्चित बाज़ारों में रखना और सावधानी से नियंत्रित शर्तों के अधीन उन्हें बेचने का उपक्रम करना । परीक्षा विपणन बड़ा उपयोगी सिद्ध होता है क्योंकि यह फर्म के विक्रय पूर्वानुमानों के लिए आधार आँकड़े प्रस्तुत करता हैं । इसके अतिरिक्त यह विपणन नीति व कार्य विधि में सुधारों को भी संभव बनाता हैं ।

Test of hypothesis
परिकल्पना परीक्षण
किसी भी प्रारंभीक धारणा की वैधता की सांख्यिकीय आँकड़ों और प्रविधियों के प्रयोग द्वारा एक विशेष प्रकार की जाँच । चाँच के अनुकूल फल होने पर धारणा एक निश्चित निष्कर्ष का रूप धारण कर लेती हैं । ऐसा न होने पर धारणा को अस्वीकृत कर दिया जाता हैं ।

Theory X
एक्स' सिद्धांत
डागलस मेक्ग्रेगर द्वारा प्रतिपादित वह सिद्धांत जिसके अनुसार यह माना जाता है कि औसत व्यक्ति कार्य करना पसंद नहीं करता और उससे जी चुराता है । इसलिए कंपनी के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कर्मचारियों को नियंत्रण, निर्देशन, नियमन द्वारा कार्य करने के लिए विवश किया जाता है । इस सिद्धांत की अन्य मान्यताएँ ये हैं कि औसत व्यक्ति को बताना पड़ता है कि उसे क्या करना है और कर्मचारी सामान्यतः दायित्व लेना पसंद नहीं करते हैं तथा वे पहले नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं ।

Theory Y
वाई' सिद्धांत
डागलस भेक्ग्रेगर द्वारा प्रतिपादित दूसरा सिद्धांत जिसके अनुसार यह माना जाता है कि औसत व्यक्ति स्वभाव से कार्य को नापसंद नहीं करता बल्कि उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आत्मप्रेरित होकर कार्य करता है । इस सिद्धांत के अनुसार यह भी माना जाता है कि औसत व्यक्ति केवल प्रदत्त उत्तरदायित्व को ही स्वीकार नहीं करता बल्कि नए-नए उत्तरदायित्वों को पहचान कर स्वयं ग्रहण करता हैं । सिद्धांत की एक और मान्यता यह है कि अधिकांश व्यक्ति कल्पना एवं सर्जनशीलता के लिए सक्षम होते हैं और अवसर आने पर वे समस्याओं के समाधान में उनका बखुबी प्रयोग भी कर सकते हैं । फलस्वरूप एक आदर्श कंपनी अपने कर्मचारियों को ऐसा अवसर प्रदान करती है और केवल एक निरंकुश पर्यावरण में उन्हें घुटने नहीं देती । इस सिद्धांत का एक अति महत्वपूर्ण आधार द्विवृत संप्रेषण होता है जिसके द्वारा पर्याप्त प्रतिपुष्टि एकत्र की जाती हैं । वरिष्ठ अधिकारी वस्तुतः एक प्रशिक्षक के रूप में काम करते हैं ।

Theory Z
जेड' सिद्धांत
जापानी प्रबंध क्रांति का लगभग समूचे विश्व पर जो प्रभाव पड़ा है उसके संदर्भ में 'जेड़' सिद्धांत का जन्म हुआ है । जैड प्रकार के संगठन की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह होती है कि वह समूह-विचारविमर्शों के लिए अंतर वैयक्तिक योग्यताओं पर बहुत जोर देता है । यद्यपि निर्णय क्रिया सामूहिक होती हैं, उत्तरदायित्व व्यक्ति का ही बना रहता है । इसके अतिरिक्त विश्वास पर आधारित अनौपचारिक तथा लोकतांत्रिक संबंधों पर भी खासा बल दिया जाता हैं । विशेषता यह है कि इन सबके होते हुए भी संगठन का सोपानिक ढाँचा यथावत् बना रहता है और फर्म के कर्मचारियों का व्यवहार केवल लक्ष्यों से ही नहीं बल्कि सत्ता, नियम और अनुशासन के द्वारा शासित होता है । सहभागी प्रबंध सूचनाओं के मुक्त प्रवाह को सुगम बनाता है और समाधानों पर पहुँचने के लिए एकमत को जन्म देता है । औपचारिक आयोजन तथा उद्देश्य महत्वपूर्ण तो होते हैं परन्तु परिमाणात्मक मापों को अत्यधिक महत्व नहीं दिया जाता है । इसी प्रकार कर्मचारियों को संपूर्ण मानवों के रूप में देखा जाता है केवल उत्पादन के कारकों के रूप में नहीं ।


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