हालाँकि वैज्ञानिक प्रबंध के विकास में गति अध्ययन का विस्तार से प्रयोग फ्रेड्रिक टेलर ने किया था, इसके जन्मदाता वास्तव में गिलब्रेथ दंपत्ति थे जिन्होंने सभी मानव शरीर गतियों को 17 प्रधान भागों में विभक्त किया । ये या तो विशेष गतियाँ थीं या विश्राम के प्रकार थे । इन गतियों को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है -- खोज, चुनाव, पकड़, परिवहन, लदाई, उतराई, स्थिति, पूर्व स्थिति, एकत्रण वितरित करना, प्रयोग भार मोचन, निरीक्षण, पकड़ना, अपरिहार्य विलंब, अपरिहार्य विलंब योजना और थकावट दूर करने के लिए विश्राम आदि को थर्बलिग दर्शाता है । यह पद इनके नाम के विपर्यय के रूप में प्रबंध में प्रचलित हुआ है ।
Time and motion study
समय-गति अध्ययन
किसी औद्योगिक परिचालन का विस्तृत विश्लेषण जिसके द्वारा कार्य और इसके विभिन्न तत्वों को पूर्ण करने में लगने वाले समय का निर्धारण किया जाता है। यह अध्ययन सामान्यतया औद्योगिक इंजीनियर द्वारा कार्य-मानक, मजदूरी दर, मशीन और कार्य पद्धति में सुधार तथा अन्य तरीकों से किया जाता है । इसका उद्देश्य न्यूनतम लागत से अधिकतम क्षमता प्राप्त करना होता है । इस अध्ययन के मुख्य सिद्धांत निम्नलिखित हैं :-
(1) कार्य करने के लिए सही पद्धति का चुनाव होना चाहिए । इसमें उपकरण एवं गतियों आदि को सम्मिलित किया जाएगा ।
(2) सही पद्धति द्वारा उस समय का निर्धारण जो एक अनुभवी श्रमिक द्वारा सही विधि का प्रयोग करते हुए काम को पूरा करने में लगाया जाता है । यह समय कार्यमानक के रूप में प्रयुक्त किया जाएगा ।
(3) श्रमिक को अतिरिक्त पारिश्रमिक उस समय दिया जाए जबकि वह मानक से अधिक कार्य करे ।
Time value of money
मुद्रा का समय मूल्य
मुद्रा की अर्जन शक्ति होती है और उसका आज का किया निवेश भविष्य में व्याज या अन्य प्रकार के प्रतिफल उत्पन्न करता हैं । इस मूल तथ्य के कारण सभी विवेकी व्यक्ति धन को भविष्य में प्राप्त करने की अपेक्षा वर्तमान में प्राप्त करना अधिक पसन्द करते हैं ताकि आज का मिला धन, भविष्य में प्रतिफल कमाकर अधिक बढ़ा हुआ धन हो जाए । इसी तर्क के कारण जो भी धन प्रवाह भविष्य में होने हैं और जिनका आज निर्णय लेने के लिए मूल्यांकन किया जाना है उन्हें वर्तमान मूल्यों पर लाने के लिए किसी बट्टे की दर का प्रयोग किया जाता है । यह बट्टे की दर प्रायः मुद्रा की अर्जन शक्ति की दर हुआ करती है । इस प्रकार धन प्रवाहों का ज्ञात किया हुआ वर्तमान मूल्य बट्टा गत मूल्य भी कहा जाता हैं । इस अवधारणा का व्यापक प्रयोग निवेश निर्णयों के संदर्भ में किया जाता हैं ।
Trade credit
व्यापारिक उधार
एक व्यापारी या उत्पादक द्वारा अपने ग्राहकों को उधार बिक्री की सुविधा जिसमें भुगतान माल के वास्तविक हस्तांतरण के कुछ समय बाद किया जाता है। इस सुविधा के लिए पूर्तिकार प्रायः कोई शुल्क या अधिकार नहीं लेता लेकिन शीध्र भुगतान के लिए प्रायः एक बट्टा दे दिया करता है।
Traditional budgeting
पारंपरिक बजटन
पारंपरिक बजटन में यह मान लिया जाता हैं कि संस्था द्वारा जो कार्य किए जा रहे हैं वे बजट की आगामी अवधि में भी चलते रहेंगे । इसलिए संभावित मूल्य वृद्धि या कार्य की सुगमता के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति पर होने वाले खर्च के लिए गत वर्ष की अपेक्षा कुछ अतिरिक्त राशि का प्रावधान कर दिया जाता हैं ।
देo. budgeting.
Transactional analysis
संव्यवहार विश्लेषण
मानवीय व्यवहार को समझने व विश्लेषण की इस पद्धति को इरिक बर्न ने विकसित किया । उनके असार एक मानव व्यक्तित्व के तीन स्रोत होते हैं जो उसके व्यवहार को प्रोत्साहित, मानीटर और नियंत्रित करते हैं। इसी प्रकार सभी व्यक्तियों की तीन अहमे अवस्थाएँ होती है जिनहें प्रौढ़, वयस्क और बालक की अवस्था कहा जाता हैं । किसी विशेष समय में व्यक्ति का व्यवहार यह दर्शाता है कि तीनों अहम् अवस्था में से कौन-सी अवस्था उस समय सक्रिय है । सामान्यतः एक स्वस्थ मनुष्य तीनों अवस्थाओं के बीच सामंजस्य रखता हैं, यद्यपि अनेक व्यक्तियों में एक या दो अवस्थाएँ प्रबल हो सकती हैं ।
Turnover
कुल बिक्री, आवर्त, पण्यावर्त
कुल बिक्री : प्रतिष्ठान द्वारा किसी निर्दिष्ट अवधि में किया गया कुल कारोबार । आवर्त, पण्यावर्त : किसी कारोबार में, एक दी हुई अवधि में, पूंजी अथवा माल के प्रयोग की बारंबारता जो प्रायः एक अनुपात के रूप में आकलित की जाती हैं । उदाहरण के लिए -
कुल वार्षिक बिक्री कुल वार्षिक बिक्री
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औसत आय औसत प्रयुक्त पूंजी