logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-X)

Please click here to read PDF file Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-X)

सेव
व्यर्थ ही निकट या पास (आशा लगाये) बैठा रहता है।
क्रि.स.
(हिं. सेवना)
उ.-ज्यौं सुक सेमर सेव आस लागि निसि-बासर हठि चित्त लगायौ-१-३२६।

सेव
सेव' फल।
संज्ञा
पुं.
(हिं. सेव)

सेवक
टहल या परिचर्या करनेवाला, नौकर-चाकर, भृत्य।
संज्ञा
पुं.
(सं.)
उ.-(क) इंदु समान हैं जाके सेवक, नर बपुरे की कहा गनी-१-३९। (ख) अनाचार सेवक सौं मिलि कै करत चबाइनि काम-१-१४१। (ग) सेवक राज, नाथ बन पठए, यह कब लिखी बिघाता-९-४९। (घ) सेवक कौ सेवापन एतौ, अज्ञाकारी होइ-९-९९। (ङ) सुर-नर-असुर-कीट-पसु-पच्छी सब सेवक प्रभु तेरे-५७०।

सेवक
भक्‍त, उपासक, आराधक।
संज्ञा
पुं.
(सं.)
उ.-जिहिं जिहिं बिधि सेवक सुख पावै, तिहिं बिधि राखत मन कौं-१-९। (ख) तीनि लोक के ताप निवारन सूर स्याम सेवक सुखकारी-१-३०। (ग) सूर सुकृत सेवक सो साँचौ स्यामहिं सुमिरैगौ-१-७५।

सेवक
व्यवहार या सेवन करनेवाला।
संज्ञा
पुं.
(सं.)

सेवक
किसी स्थान में नियम पूर्वक अथवा उहेश्य-विशेष से वास करनेवाला।
संज्ञा
पुं.
(सं.)

सेवकाइ, सेवकाई
सेवक का काम, टहल, सेवा।
संज्ञा
स्त्री.
(सं. सेवक + हिं. आई)
उ.- (क) खरिक दुहावन जाति हों, तुम्हरी सेवकाई-७१३। (ख) चूक परी हरि की सेवकाई-२६९५।

सेवकनी, सेवकिन, सेवकिनि, सेवकिनी, सेविका, सेविकिन
सेवा करनेवाली, टहलिनो, परिचारिका।
संज्ञा
स्त्री.
(सं. सेवक)
उ.- रमा सेवकिनी देऊँ करि, कर जोरैं दिन याम-१६२५।

सेवकनी, सेवकिन, सेवकिनि, सेवकिनी, सेविका, सेविकिन
पूजा उपासना करनेवाली।
संज्ञा
स्त्री.
(सं. सेवक)

सेवकनी, सेवकिन, सेवकिनि, सेवकिनी, सेविका, सेविकिन
सेवन करनेवाली।
संज्ञा
स्त्री.
(सं. सेवक)


logo