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Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VI)

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निबेड़ा, निबेरा
निर्णय।
संज्ञा
[हिं. निबेड़ना]

निबेरि
अलग करके, छाँटकर, चुनकर।
उ.- बड़ौ भयौ अब दुहत रहौंगो, अपनीं धेनु निबेरि - ४००।
क्रि. स.
[हिं. निबेरना]

निबेरी
मिली हुई वस्तुओं को अलग करना, छाँटना, चुनना।
क्रि. स.
[हिं. निबेरना]

निबेरी
सकै निबेरी-छाँट या अलग कर सकता है।
उ.-ग्वालिनि घर गए जानि साँझ की अँधेरी। मंदिर मैं गए समाइ, स्यामल तनु लखि न जाइ, देह गेह रूप, कहौ को सकै निबेरी - १०-२७५।
प्र.

निबेरे
मिली-जुली वस्तुओं को अलग करने या छाँटने से।
उ.- नैना भए पराये चेरे।¨¨¨। तउ मिलि गए दूध पानी ज्यों निबरत नाहिं निबेरे।
क्रि. स.
[हिं. निबेरना]

निबेरो, निबेरौ
छाँट कर अलग करो, चुन लो, बिलगा लो।
उ.- न्यारौ जूथ हाँकि लै अपनौ न्यारी गाई निबेरौ - १०-२१६।
क्रि. स.
[हिं. निबेरना]

निबेरे, निबेरै
छुटकारा, मुक्ति, उद्धार, बचाव।
उ.- ब्याकुल अति भवजाल बीच परि प्रभु के हाथ निबेरो।
संज्ञा

निबेरे, निबेरै
निर्णय, फैसला, निबटेरा।
उ.- जैसे बरत भवन तजि भजिए तैसहि गए फेरि नहिं हेरथौ। सूर स्याम रस रसे रसीले अब को करै निबेरो ?
संज्ञा

निबैहै
निबाह करेगा, छाँटेगा, चुनेगा।
उ.- गुननिधान तजि सूर साँवरे को गुनहीन निबैहै - ३१०५।
क्रि. स.
[हिं. निबाहना]

निबौरी, निबौली
नीम का फल या बीज।
उ.- दाख दाड़िम छाँड़ि कै कटुक निबौरी को अपने मुख खैहै - ३१०५।
संज्ञा
[हिं. निबकौरी]


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