प्रत्यक्ष निर्वाचन, सीधा निर्वाचन जनता द्वारा सीधे अपने प्रतिनिधियों का चुनाव।
Directive principles
निदेशक सिद्धांत भारतीय संविधान के चौथे अध्याय में दिए गए सिद्धांत जिन्हें राज्य के नीति-निदेशक सिद्धांत कहा गया है। संविधान के अनुसार ये सिद्धांत वाद योग्य नहीं है परन्तु ये राज्य के प्रशासन में मूलभूत होंगे और संसद एवं राज्य विधान मंडलों का कर्तव्य होगा कि इनको ध्यान में रखते हुए विधि-निर्माण का कार्य किया जाए। संविधान में अनुच्छेद 36 से 51 तक इनका प्रावधान किया गया है।
Discretionary power
विवेकाधिकार किसी सार्वजनिक अधिकारी को बिना किसी से परामर्श किए अपने विवेक के अनुसार कार्य करने का अधिकार `विवेकाधिकार` कहलाता है। इस प्रकार की व्यवस्था ब्रिटिश शासनकाल में अनेक अधिनियमों के अंतर्गत की गई थी। भारतीय संविधान में भी अनुच्छेद 163 के अंतर्गत राज्यपालों को कुछ विवेकाधिकार दिए गए हैं परन्तु ये महत्वपूर्ण नहीं हैं।
Dissenting opinion
विसम्मत मत किसी न्यायालय के बहुमत निर्णय से सहमत न होकर यदि न्यायालय का कोई न्यायाधीश अपने विपरीत मत को लिपिबद्ध कराना चाहता है तो उसका मत विसम्मत मत कहलाता है।
Distress call
विपत्तिकालीन संदेश, सहायता की पुकार सहायता के लिए विपदा में भेजा गया संवाद।
District board
ज़िला परिषद स्थानीय प्रशासन तथा ज़िले के विकास कार्यक्रमों की व्यवस्था करने वाली वह संस्था जिसके प्रतिनिधि ज़िले की जनता द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं। पंचायती राज्य व्यवस्था में यह ज़िले का शीर्षस्थ निकाय है।
Division
1. प्रभाग 2. डिवीज़न 3. विभाजन 1. प्रभाग : प्रशासनिक, न्यायियक अथवा अन्य उद्देश्यार्थ किसी राष्ट्र, राज्य, काउंटी या अन्य राजनीतिक इकाई का एक निर्धारित भाग। 2. डिवीज़न : मेजर-जनरल के अधीन एक सैनिक प्रभाग जिसमें 3 ब्रिगेड शामिल होते हैं। 3. विभाजन : संसदीय मत-निर्णय के लिए संसद के सदस्यों का दो भागों-अर्थात् पक्ष एवं विपक्ष में बँट जाना।
Doctrine of jurisdictional immunity
क्षेत्राधिकारिक उन्मुक्ति का सिद्धांत अंतर्राष्ट्रीय विधि के अंतर्गत राज्याध्यक्षों, शासनाध्यक्षों तथा राजदूतों एवं कुछ अन्य विशिष्ट इकाइयों को विदेशों में होने पर स्थानीय, दीवानी एवं फौजदारी न्यायालयों के क्षेत्राधिकार से उन्मुक्त माना जाता है। इसे `क्षेत्राधिकारिक उन्मुक्ति` का सिद्धांत कहा जाता है। इसे क्षेत्र अथवा प्रदेशबाहयता भी कहा जाता है।
Domestic jurisdiction
आंतरिक अधिकार क्षेत्र, घरेलू अधिकार क्षेत्र राज्य का ऐसा मामला जिसमें वह कोई विदेशी अथवा बाह्य हस्तक्षेप स्वीकार न करे और उसे अपनी संप्रभुता का हनन माने।
Domino theory
डोमिनों सिद्धांत इस सिद्धांत का प्रतिपादन अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में उस समय हुआ जब शीतयुद्ध अपनी चरम सीमा पर था। इसका अर्थ है कि यदि कोई प्रधान (कुंजी) राष्ट्र अथवा भौगोलिक क्षेत्र साम्यवादी नियंत्रण में आ जाता है तो उससे संलग्न गैरसाम्यवादी राज्य भी डोमिनो खेल के मोहरों की तरह एक के बाद एक धराशायी हो जाएँगे। इसका प्रतिपादन राष्ट्रपति आहज़न-हावर के शासनकाल में साम्यवादी प्रसार की उस आशंका की ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिए किया गया था जो दक्षिणपूर्वी एशिया में हिंदचीन के साम्यवादी नियंत्रण में आने से पैदा हो सकती थी।