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Definitional Dictionary of Management Science (English-Hindi)
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Productivity of labour
श्रम-उत्पादिता
पूंजी उत्पादिता की भाँति यह एक आगत-निर्गत अनुपात है । इसका मापन अनेक प्रकार से किया जाता है जिनमें से प्रमुख रूप ये हैं :- (1) उत्पादन प्रति श्रम घंटा = कुल उत्पादन ------------- कुल श्रम घंटे (2) प्रति उत्पादन इकाई में प्रयुक्त श्रम घंटे = कुल श्रम घंटे ------------- कुल उत्पादन मापन की इस विधि का विशेष लाभ यह है कि यदि विभिन्न प्रकार के उत्पादनों को एक समान मापन की इकाई में व्यक्त किया जा सके तो इस अनुपात की सहायता से समग्र उत्पादिता मापी जा सकती है । (3) प्रति इकाई श्रम लागत द्वारा परिवर्धित मूल्य = उत्पादन का मूल्य -श्रम को छोड़कर शेष बाहर से खरीदे गए आगत ---------------------------------------------------------------------- कुल श्रम लागत

Product life cycle
उत्पाद जीवन-काल
बाज़ार द्वारा वस्तुओं को स्वीकार किए जाने की छह अवस्थाएँ जिनमें अग्र-गमन, संवृद्धि, परिपक्वता, संतृप्ति, ह्रास और परित्याग सम्मिलित हैं । किसी भी वस्तु के विक्रय परिमाण का प्रायः एक व्यापक रूप उभर कर आता है जिसके पीछे प्रतियोगिता तथा नए और उत्कृष्ट पदार्थों की बाज़ार में प्रवेश जैसी शक्तियाँ निहित होती हैं ।

Product market expansion matrix
उत्पाद बाज़ार विस्तार मट्रिक्स
देo Intensive growth matrix.

Product-market grid
उत्पाद-बाज़ार ग्रिड
उत्पाद-बाज़ार ग्रिड एक ऐसी विधि है जिसको सहायता से विखंडन एक लाभकारी ढंग से किया जाता है । इसे कालम पंक्ति के रूप में प्रदर्शित किया जाता है । ग्राहक आवश्यकताओं को दर्शाने वाले विभिन्न पदार्थों को पंक्तियों में तथा बाज़ार विखंडों (अर्थात् ग्राहक वर्गों) को कालमबद्ध किया जाता है । उदाहरण के लिए एक टायर बनाने वाली कंपनी अपना उत्पाद-बाज़ार ग्रिड इस प्रकार बना सकती हैं :- बाज़ार (ग्राहक समूह) ---------------------------------------------------- स्कूटर निर्माता कार निर्माता वायुयान निर्माता ---------------------------------------------------- उत्पाद (ग्राहक आवश्यकताएँ) लघु आकार का टायर ---------------------------------------------------- मध्यम आकार का टायर .............. ................ .............. ................ ----------------------------------------------------- विशाल आकार का टायर ----------------------------------------------------- उपरोक्त ग्रिड में बिंदुकित वर्ग एक कंपनी की विपणन शक्ति का दो चरों (अर्थात् पदार्थ एवं बाज़ार) के आधार पर बोध कराता है । यह कंपनी मध्यम आकार के टायर स्कूटर निर्माताओं को बेचने में विशेष पटुता रखती है । इस प्रकार वह अपने लक्षित बाज़ार तक पहुँच जाती है और साथ ही प्रतियोगियों की स्थिति को भी ग्रिड पर उतार कर प्रतियोगिता के ढाँचे का मूल्यांकन कर सकती हैं ।

Product mix
उत्पाद मिश्रण
किसी फर्म द्वारा विनिर्मित विभिन्न पदार्थों के मिश्रण । ये पदार्थ मिश्र संबद्ध और असंबंद्ध दोनों ही प्रकार के हो सकते हैं । असंबद्ध पदार्थ मिश्रणों में रसायनिक खाद और इंजीनियरिंग सामान जैसे विषम पदार्थों का समावेश हो सकता है ।

Product positioning
उत्पाद स्थितीयन
उत्पाद स्थितीयन विपणनकर्ताओं द्वारा किया गया वह प्रयत्न है जिसकी सहायता से वे लक्षित बाज़ारों में अपने उत्पादों को प्रतियोगी के उत्पादों के मुकाबले में अधिक श्रेष्ठ जताकर उपभोक्ताओं से स्वीकृत कराते हैं । प्रतियोगी पदार्थों की अपेक्षा स्थितीयन करने वाली फर्म के उत्पाद या तो इस अर्थ में उत्कृष्ट हो सकते हैं कि वे किसी विशिष्ट माँग को पूरा करने का अधिक उत्तम माध्यम प्रस्तुत करते हैं अथवा इस अर्थ में उत्कृष्ट हो सकते हैं कि उनकी अपनी स्वयं की विशेषताएँ प्रतियोगी ब्रांडों की विशेषताओं से उत्तम होती हैं ।

profit centre
लाभ केंद्र
किसी भी फर्म का एक विभाग, प्रभाग या किसी अन्य प्रकार से परिभाषित परिचालन इकाई जिसे लाभ कमाने की दृष्टि से एक स्वतंत्र और पृथक् इकाई माना जाए । ऐसी इकाइयों के लिए शीर्ष प्रबंध द्वारा प्रायः लाभ-लक्ष्य पूर्व निर्धारित कर दिए जाते हैं । लाभ केंद्र छोटा या बड़ा हो सकता है और उसका मैनेजर सर्वोच्च प्रबंधकों द्वारा निर्धारित लाभ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्तरदायी होता हैं ।

profit margin
पड़ता
इसकी गणना निवल विक्रय आय में से बिक्रीत वस्तुओं की कुल गणता घटाकर की जाती है । इस रूप में इसे सकल पड़ता कहा जा सकता है । निवल विक्रय आय में से सभी व्ययों के घटाने के पश्चात् जो राशि बचती है उसे निवल पड़ता कहा जाता है । निवल विक्रय आय में से केवल परिवर्तनशील लागतें घटाने पर जो शेष बचता है उसे योगदान पड़ता (contribution margin) के रूप में जाना जाता हैं ।

Profit sharing
लाभ-सहभाजन
वे योजनाएँ जिनके अधीन फर्म के लाभ का एक भाग कर्मचारियों के वितरित किया जाता है । ऐसी योजनाओं का उद्देश्य उत्पादिता वृद्धि के लिए कर्मचारियों को अभिप्रेरित करना होता है और इनका प्रबंध-कर्मचारी संबंधों पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है ।

Programme evaluation and review technique (PERT)
कार्यक्रम मूल्यांकन और पुनर्विलोकन तकनीक (पर्ट)
देo PERT.


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