विक्रय की वह धारणा जिसके अनुसार यह माना जाता है कि प्रभावी विक्रय के लिए उत्पाद में किसी विशिष्टता का होता आवश्यक हैं, उसी विशिष्टता को अनुपम विक्रय अवधारणा कहा गया हैं ।
Unity of command
समादेश एकलता
सामान्य प्रबंध का एक सिद्धांत जिसके अनुसार जहाँ तक संभव हो एक व्यक्ति एक ही पर्यवेक्षक या अधिकारी से आदेश प्राप्त करे और उसी के प्रति उत्तरदायी हो । इससे न केवल अनुदेशों के द्वंद्व से ही बचा जा सकता है बल्कि व्यक्ति अधिक उत्तरदायित्व महसूस करता हैं ।
Unity of objective
उद्देश्य एकलता
सामान्य प्रबंध का एक सिद्धांत जिसके अनुसार कोई उद्यम अथवा संगठन तभी प्रभावी और दक्ष हो सकता है जब उसके सारे सदस्य केवल एक ही उद्देश्य की पूर्ति में संलग्न हैं ।
Usage value analysis
प्रचलन मूल्य विश्लेषण
देo ABC method or analysis.
Value added tax (VAT)
अतिरिक्त मूल्य कर (वैट)
ऐसा कर जो किसी व्यापार के प्रचालनों के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाले अतिरिक्त मूल्य पर लगाया जाए । ऐसे अतिरिक्त मूल्य की गणना उत्पादन के मूल्य की गणना उत्पादन के मूल्य में से खरीदे गए माल के आगतों को घटाकर किया जाता हैं । वास्तव में यह अतिरिक्त मूल्य निवल लाभ, ब्याज, ह्रास तथा कुल श्रम लागतों के जोड़ के बराबर होता हैं ।
Value analysis
मूल्य विश्लेषण
किसी सामग्री या सेवा की लागत का ऐसा विश्लेषण जिसमें सामग्री एवं सेवा की कार्यात्मक गुणवता को बनाए रखते हुए उनके विभिन्न स्थानापन्नों में से न्यूनतम लागत वाले विकल्प का चयन किया जाता हैं । मूल्य विश्लेषण का उद्देश्य ऐसी विशिष्टियों का विकास करना है जिससे न्यूनतम लागत पर उत्पादन संभव हो सके ।
Variable budget
परिवर्तनशील बजट
वह बजट जो कार्यकलाप के वास्तविक स्तर के अनुरूप परिवर्तित होता हैं । इस तरह यह कार्यकलाप के विभिन्न स्तरों पर बजट लागतों को दर्शाता हैं ।
Variable cash budget
परिवर्तनशील नक़दी बजट
इस बजट का उद्देश्य यह है कि यदि अवधि के अंत में नक़दी की कमी होने की आशंका हो ता ओवरड्राफ्ट आदि की अग्रिम व्यवस्था की जा सके और यदि नक़दी के अधिशेष की स्थिति अनुमानित हो तो उसके लाभप्रद निवेश के उपाय किए जा सकें ।
देo cash budget.
Variable cost
परिवर्ती लागत, प्रचालन लागत
उत्पादन के परिमाण के साथ घटने-बढ़ने वाली लागत ।
Variance
प्रसरण
वास्तविक और मानक लागतों का अंतर प्रसरण कहलाता है । इसका उद्देश्य प्रत्यक्ष क्षम और सामग्री की क़ीमतों से होने वाले अनपेक्षित परिवर्तनों से उत्पादकता पर पड़ने वाले प्रभावों को रोकना है । प्रसरण के कई प्रकार हैं यथा -- सामग्री प्रसरण, श्रम प्रसरण तथा उपरिव्यय प्रसरण इत्यादि । प्रसरण के कारणों का अनुमान लगाया जा सकता है और भविष्य में उनके उपचार के लिए आवश्यक उपाय किए जाते हैं ।