Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Ka Apaar Paryavachi Shabd Bhandar
ईखा, जरबौ-बरबौ, जरन-वरन, जरत्वाई, बैरादाव, बैरफांद, बैरभाव, बैर।
उजयारौ उजेरौ, रौशनी, उजास, पिरकास, जगर-मगर, निधा तरें आउन, दिखानलगबौ, प्रकास बगरबौ।
समैया, परव, काज, त्यौहार, व्यावकाज, सजाधजी, रंगबरसबौ, उराव कौदिना, औसर काज।
उपाव, उमंग, चाव, उछाव, उछाह, शौक।
उपाव, जुक्ती, जुगत, जुगाड़, रास्तौ, विदी, अनोय, तिकड़म, तजबीज, टिप्स, तुक्का, नटागटा, अनोपनान।
छट्टा के, नवेरकें, छांटे, साजे, बढ़ियाँ, अव्वल, अच्छौ, उत्तम, बड़कें, श्रेष्ठ।
बत्तल, कोंती, एवजी, पूरती, खानापूरी, ऊजगां, उनकी जांगा, बदलें।
कोद, कुदइँ, कोदीं, ठाँई, तरफी, तरह ताँइँ, तइँ, तरप, तरपी, दिसा, पच्छ।
तुकतान, तुकतर्ज, ई में, इतिताई, बाजवी।
बरयाके, मसाकें, जैसें-तैसे, रामराम करकें, बरयावट कें, सांसत सें, दिग्गतन सें, कष्ट सें, कठनई सें।