Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Ka Apaar Paryavachi Shabd Bhandar
शकल, शक्ल, चौखटा, थोबरा, मों, चौखटों, मुखरा, मुखड़ा, मुँह, आनन।
रहैया, रहबैया, बसइया, बसीकत, बसत रैबी, रिवइया, रत हैं, रतते।
सकरी, संकरी, संकीरन, सकरोंदौ, समरोंदा, सकरौंद, कमचैड़ी।
गुरीरौ, मीठौ, मीठी, मिठाई, मिष्टान्न, गुरतरी, मिठास, मधुर, गुरतरौ, मीठौ, मीठौपन, मीठपन, मीठपनौ।
संजोग, जोग, सायत, घड़ी, घरी-स्यात, सुयोग, सुजोग।
ईसुर, पिरभू, प्रभु, विधना, जगदीस, जगपाल, परमपिता, हरी, परमात्मा, रॉम, स्याँम, भगवान, तिरलोकपति, तिरलोकी।
भोलेबाबा, महादेव, बम-बम, विश्वनाथ, शमभू, पारवतीनाथ, बमभोला, बमभोले, तिपरारी, भोला।
असमय-टैम-कुटैम, चायजब, दोईबेरों, घरी कुघरी, बेरा-कुबेरा, जाबेरा ना वा बेरा, समै-कुसमै।
बचवौ, बरकबौ, विचकवौ, विदरबौ, बचकें, हटकें, बजॉइंहोबो, इक ककोंदी होवौ, बाजू होबौ।