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Definitional Dictionary of Management Science (English-Hindi)
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Performance guarantee
कार्य निष्पादन गारंटी
बिक्री करार की शर्तों के अनुसार माल की सुपुर्दगी आदि की सुपुर्दगी आदि की यह गारंटी कि शर्तों के उल्लंघन पर विक्रेता द्वारा एक निश्चित प्रतिशत के रूप में क्रेता को मुआवजा दिया जाएगा ।

Period cost
अवधि लागत
समय के आधार पर नियत किया गया व्यय जैसे किराया, ब्याज, संपत्ति तथा आय-कर और सीधी रेखा प्रणाली के आधार पर निर्धारित ह्रास की राशि इत्यादि । यद्यपि ऐसी लागतें सेवा-प्राप्ति के आधार पर प्रायः नियत नहीं की जाती हैं, अवधि और सेवा-प्राप्ति के आधारों में बहुत-सी परिस्थितियों में भेद करना मुश्किल हो जाता है । एक अन्य अर्थ में अवधि लागत मूलतः समय आधार पर नियत की जाती है परन्तु इसे मालसूची की लागत के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है ।

Perk
परिलब्धि
प्रबंध अधिकारियों को वेतन के अतिरिक्त दिया जाने वाला अमौद्रिक लाभ । जैसे व्यक्तिगत सचिव की नियुक्ति, कंपनी की गाड़ी का निःशुल्क उपयोग, निःशुल्क आवास, निःशुल्क चिकित्सा, बच्चों की निःशुल्क शिक्षा, आमोद-प्रमोद क्लबों की सदस्यता, आदि । इस प्रकार के लाभों का प्रमुख उद्देश्य अधिकारियों को प्रोत्साहन प्रदान करना अथवा उनके लाभार्थ कर आयोजन करना होता है ।

Perpetual inventory
सतत माल सूची
फर्म में माल की वास्तविक स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए आवक और जावक का निरंतर रिकार्ड रखते रहना । इसके लिए आर्डर किए माल और प्राप्त हुए माल तथा माँगे गए और बिक्री के लिए भेजे माल के इंदराज किए जाते रहते हैं । इसका मिलान समय-समय पर भंडार में प्रत्यक्षतः उपलब्ध मात्रा से भी किया जाता है ।

Personal selling
व्यक्तिगत विक्रय
ऐसा सीधा विक्रय जिसमें व्यक्तिगत रूप से एक विक्रेता और एक क्रेता के मध्य संप्रेषण होता है । विक्रय की यह विधि आकाशवाणी, दूरदर्शन, विज्ञापन तथा डाक द्वारा विक्रय से भिन्न होती हैं क्योंकि इन सबके अंतर्गत सामूहिक संप्रेषण होता है । यद्यपि सीधा विक्रय एक क्रेता और एक विक्रेता की आमने सामने की वार्ता पर आधारित होता है, परन्तु इस पर व्यक्तिगत एवं सामाजिक संप्रेषण योग्यताओं का गहरा प्रभाव पड़ता हैं ।

Personnel management
कार्मिक प्रबंध
इसका संबंध मानवीय संसाधनों के आयोजन, संगठन, निर्देशन तथा नियंत्रण से होता है । वस्तुतः इसमें मानवीय संसाधनों की प्राप्ति, विकास, पारिश्रमिक व्यवस्थाएँ, लक्ष्यों का एकीकरण तथा रखरखाव के क्षेत्रों में प्रमुख प्रबंधीय कार्यों का प्रयोग करना होता है । इसके द्वारा व्यक्ति, संगठन तथा समाजनिष्ठ उद्देश्यों की संश्लिष्ट उपलब्धि की जाती हैं ।

PERT
पर्ट
एक बहुचलित प्रचालन शोध की तरनीक जिसका प्रयोग समय सारणियों को अथवा लागतों को नियंत्रित करने के लिए या परियोजनाओं के प्रबंधन के लिए किया जाता है । निर्माण की परियोजनाओं के विलंब को न्यूनतम करने के लिए या परियोजनाओं के प्रबंधन के लिए किया जाता है। निर्माण की परियोजनाओं के विलंब को न्यूनतम करने के लिए यह तकनीक विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होती हैं। इसका उद्गम अमरीकी नौ सेना के पोलरिस्ट नामक प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम के नियंत्रण के संबंध में हुआ था । इस तकनीक के अनुसार किसी परियोजना की सभी संभाव्य क्रियाओं को पृथक्-पृथक् कर लिया जाता है और साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाता है कि वह अन्य क्रियाएँ क्या है जिन्हें किसी क्रिया विशेष को प्रारंभ करने से पूर्व संपादित करना होगा । इसके उपरांत प्रत्येक क्रिया को पूर्ण करने के लिए अपेक्षित समय के तीन अनुमान लगाए जाते हैं । इनमें से एक आशावादी, दूसरा व्यावहारिक तथा तीसरा निराशावादी अनुमान होता है । परियोजना की संपूर्ति का संभाव्य समय निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात किया जाता हैं :- संभाव्य समय = सर्वाधिक आशावादी समय + 4 सर्वाधिक संभाव्य समय + सर्वाधिक निराशावादी समय --------------------------------------------------------------------- 6 प्रत्येक क्रिया के संभाव्य समय की गणना के पश्चात् एक पर्ट नेटवर्क (जाल) की रचना की जाती है । ये गणनाएँ परियोजना को पूरा करने का संभाव्य सरल समय ही प्रदान नहीं करेंगी अपितु क्रियाओं के उस समूह को भी इंगित करेंगी जिन्हें क्रांतिक पथ (critical path) के नाम से जाना जाता है और जिनमें विलंब समूची परियोजना में व्यवधान प्रस्तुत कर देगा।

Peter's principle
पीटर का सिद्धांत
इस सिद्धांत की यह धारणा है कि प्रबंध अधिकारियों की पदोन्नति उनकी अक्षमताओं के तल पर बहुधा आधारित होती है । विशिष्टतः यदि एक प्रबंधक किसी स्थिति विशेष में सफल हो जाता है तो ऐसी सफलता ही उसकी पदोन्नति का यथेष्ट कारण स्वीकार कर ली जाती है, भले ऐसे व्यक्ति में वे योग्यताएँ पाई न जाती हों जो नए उच्च पद के लिए अपेक्षित मानी जाती हैं । फलतः पदोन्नति ऐसे अधिकारी के सर पर उस काम का बोझ लाद देगी जो उसके लिए संचालित करना संभव नहीं होगा । अतः इस सिद्धांत में एक अन्तर्निहित चेतावनी होती है कि पदोन्नति के कार्य को किसी भी संगठन को अगंभीर कार्य नहीं मानना चाहिए ।

Placement
स्थानन
नियुक्ति के पश्चात् किसी कर्मचारी को संगठन में काम पर लगाने की समूची प्रक्रिया को स्थानन कहते है । इसमें यह सावधानी हमेशा बरती जाती है कि प्रत्येक कर्मचारी को उसकी योग्यता के अनुसार ही एक यथेष्ट और उपयुक्त स्थान मिले । संगठन की प्रशिक्षण आवश्यकताओं का निर्धारण भी स्थानन की अपेक्षाओं पर अवलंबित होता है ।

Plant capacity
संयंत्र क्षमता
किसी भी संयंत्र की अधिकतम निहित उत्पादन क्षमता । इसका मापन उत्पाद की इकाइयों, श्रम घंटों या संयंत्र की सुविधाओं के पूर्ण प्रयोग को जताने वाली अन्य इकाईयों के रूप में किया जा सकता हैं ।


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