देश में उत्पादित कतिपय वस्तुओं (सिगरेट, शराब, कपड़ा, बिजली के उपकरण आदि) की बिक्री पर लगाया जाने वाला शल्क। यह प्रायः विनिर्माण के चरण पर लगाया जाता है पर माल की बिक्री के समय विक्रेता इसे क़ीमत मे जोड़ देता है। इस प्रकार, इसका करापात (incidence) क्रेता पर होता है।
Ex-dividend
लाभांश रहित
लाभांश के हक़ के बिना शेयर बेचते समय विक्रेता यह शर्त लगाता है कि उस पर मिलने वाला अगला लाभांश, जो घोषित हो चुका है, वह स्वयं लेगा, क्रेता नहीं।
तुल. दे. cum dividend
Ex-gratia payment
अनुग्रही अदायगी
ऐसे भुगतान जिन्हें क़ानूनी बाध्यता के कारण नहीं बल्कि कृपाभाव से किया जाता है। उदाहरण के लिए, पेंशन का हक़दार न होने पर भी किसी कर्मचारी को कार्य-निवृत्त होने पर कुछ पेंशन दे देना या किसी दुर्घटना आदि की सूरत में मृतकों के परिवारों के बीच इकमुश्त रक़में बाँटना।
Expense ratio
व्यय अनुपात
बीमा कंपनी द्वारा किए गए समग्र व्यय (जिनमें क्षति के लिए किए गए भुगतान भी शामिल हैं ) तथा बीमा-किश्तों से प्राप्त कुल रक़म का अनुपात।
Export credit
निर्यात-उधार
बैंक अथवा किसी विशिष्ट सरकारी संस्था द्वारा लदान बिल्टी अथवा अन्य प्रपत्रों के आधार पर निर्यातक के पक्ष में खोला गया उधार-खाता। निर्यातक इस खाते में से निर्यात-मूल्य के बराबर की रक़म तत्काल निकाल सकता है और उसे विदेशी ख़रीदार से भुगतान मिलने तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह सुविधा निर्यात संवर्धन के उपायों में से एक है।
Export duty
निर्यात-शुल्क
देश से बाहर माल भेजने पर सरकार द्वारा लगाया जाने वाला कर।
Export licence
निर्यात लाइसेन्स
निर्दिष्ट वस्तु का किसी देश विशेष को निर्यात करने के लिए निर्यातकर्ता को जारी किया जानेवाला अनुमति-पत्र। यह अनुमति देश की केंद्रीय सरकार देती है और इसका उद्देश्य विदेश व्यापार पर नियंत्रण रखना होता है।
Export subsidy
निर्यात इमदाद
निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से दी जाने वाली प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता। प्रायः यह सहायता देश के निर्यात में वृद्धि लाने के लिए दी जाती है।
Express acceptance
अभिव्यक्त सकार, अभिव्यक्त स्वीकृति
किसी अनुबंध अथवा संविदा को मौखिक अथवा लिखित रूप में स्वयं अथवा अपने अभिकर्ता के जरिए स्वीकार करना।
Ex-rights
अधिकार रहित
शेयर बाज़ार की अभिव्यक्ति जिसके अनुसार किसी कंपनी के वर्तमान शेयर बेचते समय विक्रेता उसके नए शेयरों में आनुपातिक अभिदान के अधिकार को अपने पास ही रखता है- ये अधिकार क्रेता को नहीं दिए जाते।