सद्वस्तु
ज्ञान की वह वस्तु जो कल्पना मात्र न हो बल्कि जिसका भौतिक जगत् में वास्तव में अस्तित्त्व हो।
Ontology
सत्तामीमांसा
तत्त्वमीमांसा की एक शाखा, जो सत्ता के सामान्य स्वरूप का विवेचन करती है। इसमें आदि-तत्त्वों का विवेचन और पदार्थों का वर्गीकरण इत्यादि भी शामिल है। सर्वप्रथम क्रिश्चियन वोल्फ (Christian Wolff) ने इस शब्द को यह अर्थ दिया, हालाँकि ontologia शब्द का प्रयोग स्कालेस्टिक लेखकों ने सत्रहवीं शताब्दी में शुरू कर दिया था। कुछ इसे तत्त्वमीमांसा के पर्याय के रूप में लेते हैं।
Onymatic System
नामिक निकाय
डी. मार्गन द्वारा प्रयुक्त पद। इसके अनुसार शुद्ध आकारिक तर्कशास्त्र में गुणवाचक व्याख्या को वस्तुवाचक व्याख्या के अंतर्गत लाते हुये समूह और व्यष्टि के आकारों के संबंध में इसका प्रयोग हुआ है।
Open Morality
सार्वजनीन नैतिकता
वह नैतिकता, जिसका स्रोत सामाजिक नियम, रीति-रिवाज, परंपराएँ एवं रूढ़ीगत संस्कार नहीं हैं, अपितु जिसका स्रोत अंतर्ज्ञान है, जो सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का आदर्श स्थापित करता है। हेनरी बर्गसा ने अपनी पुस्तक `टू सोर्सेज ऑफ मोरेलिटी एण्ड रिलीज़न` में इसका प्रयोग किया है।
Operational Definition
संक्रियात्मक परिभाषा
वह परिभाषा जो यह बताती है कि अमुक पद अमुक स्थिति में केवल तभी लागू होगा जब उसमें कुछ निर्दिष्ट संक्रियाओं को करने से निर्दिष्ट परिणाम प्राप्त होंगे। ऐसी परिभाषाएँ निश्चित नाप-जोख और प्रयोग की सहायता से संप्रत्ययों को स्पष्ट करने के लिए भौतिक विज्ञानों में शुरू हुईं। प्रयोजन विज्ञान से अस्पष्टता और अमूर्त प्रत्ययों को दूर करना तथा उसे अधिक उपयोगी बनाना था। इस पद का प्रयोग सर्वप्रथम पी. डब्ल्यू. ब्रिजमैन ने 1927 में किया था।
Operationism
संक्रियावाद
समकालीन बुर्जुआ दर्शन में एक धारा जो तार्किक प्रत्यक्षवाद तथा व्यावहारिकतावाद का संश्लेषण है। इसके प्रणेता ब्रिजमैन थे। उनके अनुसार किसी भी संप्रत्यय या पद का अर्थ सबके सामने दोहराई जा सकने वाली संक्रियाओं के एक समूह के द्वारा निर्धारित होता है। यह सिद्धांत पहले भौतिकी में निरपेक्ष दिक्, निरपेक्ष काल इत्यादि अनुपयोगी संप्रत्ययों से छुटकारा पाने के लिए एक आन्दोलन के रूप में चला था।
Opinion
मत
वह धारणा जो तर्क पर आधारित न हो।
Opposition
विरोध
तर्कशास्त्र में एक ही उद्देश्य पद एवं विधेय पद के होते हुए जब वे परस्पर गुण, परिमाण एवं दोनों (गुण व परिमाण) में भिन्नता रखते हैं तब उसे विरोध कहा जाता है।
जैसे : 1. सभी विद्यार्थी बुद्धिमान हैं।
कोई भी विद्यार्थी बुद्धिमान नहीं है। } गुण में भेद।
2. सभी विद्यार्थी बुद्धिमान हैं।
कुछ विद्यार्थी बुद्धिमान हैं। } परिमाण में भेद।
3. सभी विद्यार्थी बुद्धिमान हैं।
कुछ विद्यार्थी बुद्धिमान नहीं है। } गुण एवं परिमाण में भेद।
O' Proposition
ओ' प्रतिज्ञप्ति
तर्कशास्त्र में, अंशव्यापी निषेधक प्रतिज्ञप्ति का प्रतीकात्मक नाम।
उदाहरण : `कुछ पक्षी उड़नेवाले नहीं होते`।
`कुछ उ वि नहीं हैं`।
Organic Whole
सावयवी साकल्प
ऐसा साकल्य या समुच्चय जिसके समस्त अंग किसी जीव-देह के अंगों की तरह परस्पर संबंधित हों।