निश्चयमात्रक प्रतिज्ञप्ति
ऐसे कथन के द्वारा अभिव्यक्त प्रतिज्ञप्ति जिसमें उसकी निश्चयात्मकता की मात्रा को बताने वाला कोई शब्द जैसे - `अवश्य; सम्भाव्य` एवं `वास्तविक` जुड़ा हुआ हो।
Mode
पर्याय, प्रकार
सामान्यतः किसी द्रव्य या तत्त्व के गौण गुण जो द्रव्य या तत्त्व पर आश्रित होते हैं। देकार्त के दर्शन में पर्याय का यही अर्थ किया गया है। स्पिनोजा के दर्शन में पर्याय, द्रव्य के परिणामी धर्म या विकार माने गये हैं। उनके अनुसार पर्याय गुणों के विकार हैं न कि द्रव्य के, क्योंकि द्रव्य अपरिणामी है। लॉक के अनुसार पर्याय सरल प्रत्ययों का योग है, जो द्रव्य पर आश्रित है, अतः परतन्त्र है।
Modus Ponendo Ponens
विध्यात्मक हेतुफलानुमान
न्यायवाक्य का वह रूप जिसमें पक्ष आधारवाक्य में साध्य-आधारवाक्य के पूर्ववर्ती को स्वीकार करके निष्कर्ष में अनुवर्ती को स्वीकार किया जाता है।
उहाहरण : यदि प है, तो क है।
प है।
अतः क है।
प ⊃ क -प्रतीकात्मक
प
∴ क
यदि सूर्य है, तो प्रकाश है। - विधानात्मक
सूर्य है।
∴ प्रकाश है।
Modus Ponendo Tollens
विधि-निषेधात्मक हेतुफलानुमान
न्यायवाक्य का वह रूप जिसमें पक्ष-वाक्य में पूर्ववर्त्ती का विधान करके, निष्कर्ष में अनुवर्ती का विधान किया जाता है, किन्तु यहाँ साध्य-वाक्य में अनुवर्ती निषेधात्मक होता है।
उदाहरण : यदि प है तो क नहीं है।
प है।
अतः क नहीं है।
प्रतीकात्मक उदाहरण :
प ⊃ ≃ क
प
∴ ≃ क
यदि चुनाव हुए तो किसी दल को बहुमत नहीं मिलेगा।
चुनाव हुए - विधानात्मक
अतः किसी दल को बहुमत नहीं मिलेगा। - निषेधात्मक
Modus Ponens
विधानात्मक हेतुफलानुमान
यह हेत्वाश्रित न्यायवाक्य का वह रूप है जिसका साध्य-वाक्य हेत्वाश्रित हो तथा पक्ष-वाक्य में साध्य-आधारवाक्य के पूर्ववर्त्ती को स्वीकार करके निष्कर्ष में अनुवर्ती को स्वीकार किया जाता है।
Modus Tollendo Ponens
निषेधक विधानात्मक हेतुफलानुमान
न्यायवाक्य का वह रूप जिसमें पक्ष-वाक्य के पूर्ववर्त्ती का विधान करके निष्कर्ष में अनुवर्त्ती का विधान किया जाता है, किन्तु यहाँ पूर्ववर्त्ती साध्य-वाक्य निषेधात्मक होता है।
उदाहरण : यदि प नहीं है, तो क है।
प नहीं है।
अतः क है।
प्रतीकात्मक उदाहरण :
≃ प ⊃ क
~ प
∴ क
यदि ईमानदारी नहीं है तो भ्रष्टाचार रहेगा।
ईमानदारी नहीं है। - निषेधात्मक
अतः भ्रष्टाचार रहेगा। - विधानात्मक
Molecular Proposition
अणु प्रतिज्ञप्ति, आण्विक प्रतिज्ञप्ति
1. उन दो प्रतिज्ञप्तियों में से एक जिसका प्रतिपादन रसल ने अपने दार्शनिक विचार 'तर्कीय परमाणुवाद' के अन्तर्गत किया। इनमें से प्रथम प्रतिज्ञप्ति को उन्होंने सरल प्रतिज्ञप्ति कहा जबकि दूसरी को आण्विक प्रतिज्ञप्ति। यह वह प्रतिज्ञप्ति है जो दो अथवा दो से अधिक सरल प्रतिज्ञप्तियों को 'और', 'या तो या' 'यदि........ तो' से संयुक्त करके बनायी जाती है।
जैसे : (i) यदि पानी बरसेगा तो छाते की जरूरत होगी।
(ii) राम साहसी और बुद्धिमान है।
(ii) यो तो राम साहसी है या बुद्धिमान है।
2. परम्परागत तर्कशास्त्र में इसे ही मिश्रित प्रतिज्ञप्ति कहा जाता है।
Molinism
मोलीनावाद
स्पेन के जेज्यूइट मोलीना (1535-1600) एवं उसके अनुयायियों का सिद्धांत जिसमें ईश्वर को सर्वज्ञ और सर्वशक्तिमान् मानते हुए भी मनुष्य को कर्म करने में स्वतंत्र माना गया है।
Monad
चिदणु, मोनेड
लाइब्नित्ज़ के दर्शन में उन तात्विक सत्ताओं के लिये प्रयुक्त नाम जो चिद्रूप-आण्विक, विस्तारहीन, गतिमान, अविभाज्य-शास्वत एवं सप्रयोजन हैं। ईश्वर को भी इसी प्रकार की एक सत्ता माना गया है, यद्यपि वह अन्यों की अपेक्षा अधिक विकसित है। लाइब्नित्ज़ से पहले इस शब्द का प्रयोग ऑगस्टाइन, ब्रूनो और प्रोटेस्टेंट स्कॉलेस्टिकों में मिलता है।
Monadology
चिदणुशास्त्र
लाइब्नित्ज़ का द्रव्य सिद्धांत, जिसके अनुसार चिदणु ही द्रव्य है, जो परम सूक्ष्म विशेष पदार्थ है और जो शक्तिसम्पन्न, अनश्वर तथा चिद्रूप है। चिदणु या मोनेड शब्द का प्रयोग लाइब्नित्ज़ से पूर्व ब्रूनों ने किया था, परन्तु लाइब्नित्ज़ ने यह शब्द प्रसिद्ध रसायनशास्त्री वान हेलमोण्ट (Van Helmount) से लिया था, जिसने सर्वप्रथम सरल, सूक्ष्म, न्यूनतम अवयव को मोनेड या चिदणु माना था।