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Definitional Dictionary of Philosophy (English-Hindi)
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Mind-Stuff Theory
मनोद्रव्यवाद वह सिद्धांत कि मन चिद् कणों से निर्मित होता है जो भौतिक परमाणुओं के सदृश होते हैं।

Minima Naturalia
भौतिक लधिष्ठ, प्राकृतिक लघिष्ठ अरस्तू के अनुसार, परमाणु, जो कि भौतिक द्रव्य के विभाजन के अंत में प्राप्त लघुतम अंश हैं और जिनका सिद्धांततः आगे विभाजन नहीं हो सकता।

Minor Arts
गौण कलाएँ, लघु कलाएँ मूर्तिकला एवं चित्रकला से भिन्न लघुरूप वस्त्र, मृद्भाण्ड आदि बनाने की कलाएँ।

Misoneism
नवीन के प्रति विकर्षण नवीन के प्रति घृणा की भावना अथवा नई परिस्थिति से भयभीत होने की प्रवृत्ति।

Mixed Effect
मिश्र कार्य जब विभिन्न प्रकार के कार्य इस प्रकार मिले हों कि वे एक ही प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करें, उसे मिश्र कार्य कहते हैं।

Mixed Hypothetical Syllogism
मिश्रित हेतुफलात्मक न्यायवाक्य वह न्यायवाक्य जिसका साध्य-आधारवाक्य हेतुफलात्मक, पक्ष-आधारवाक्य निरूपाधिक तथा निष्कर्ष भी निरूपाधिक होता है। उदाहरण : यदि वर्षा होती है तो उपज अच्छी होती है; वर्षा हुई है; ∴ उपज अच्छी होगी।

Mnemic Causation
स्मृतिक कारणता वह कारणता जिसमें अव्यवहित पूर्ववर्ती तत्त्वों के अतिरिक्त सुदूर अतीत में घटी हुई कोई घटना भी कार्योत्पत्ति के लिए उत्तरदायी होती है, (जैसा कि स्मृति के प्रसंग में होता है)।

Modalism
पर्यायवाद द्वितीय एवं तृतीय शताब्दी ईसवी में ईसाई लोगों द्वारा मान्य एक सिद्धांत जिसके अनुसार `त्रयी` में सम्मिलित पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा एक ही द्रव्य के तीन पर्याय (रूप) हैं।

Modality
निश्चयमात्रा (क) प्रतिज्ञप्तियों की वह विशेषता जिसके अनुसार वे आवश्यक, सम्भाव्य, सांयोगिक, असंभव हो सकती हैं। (ख) आधुनिक तर्कशास्त्र में इसे प्रतिज्ञप्ति अथवा कथन का कतिपय `अधितार्किक मूल्यांकन मानते हुए उसके विश्लेषण की संभावना को प्रस्तुत करने वाला गुण माना गया है। (ग) परम्परागत तर्कशास्त्र में प्रतिज्ञप्तियों को अनिवार्यता, सम्भाव्यता तथा वास्तविकता में विभाजित किया जाता है। कांट के मत में भी इसी अर्थ को स्वीकार किया गया है।

Modal Logic
निश्चयमात्रक तर्कशास्त्र, प्रकारात्मक तर्कशास्त्र वह तर्कशास्त्र जिसमें अनिवार्यता, संभाव्यता, असंभाव्यता की अवधारणाओं के तार्किक लक्षणों का अध्ययन किया जाता है। एक निश्चयमात्रिक कथन वह है जिसमें अनिवार्यता या संभाव्यता के संदर्भ में कुछ कहा जाता है। निश्चयात्मक तर्कशास्त्र के मूल प्रत्यय क्रिया-विशेषणों, सहायक क्रियाओं एवं क्रिया वाक्यांशों में व्यक्त होते हैं।


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