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Definitional Dictionary of Philosophy (English-Hindi)
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Exposition
विवरण किसी कथन के निहितार्थ को अनावृत करना। विशेषतः मध्युगीन तर्कशास्त्र में, किसी आलंकारिक कथन का तार्किक रूप में विश्लेषण करना।

Expository Syllogism
व्यष्टिहेतुक न्यायवाक्य वह न्यायवाक्य जिसमें दो पदों का एक एकवाचक पद द्वारा व्यक्त किसी तीसरी वस्तु से समानतः संबंधित होने के आधार पर निष्कर्ष में संबंध स्थापित किया जाता है। जैसे : जॉन कायर है जॉन एक सैनिक है ∴ कुछ सैनिक कायर होते हैं।

Expression
व्यंजक प्रतीकात्मक तर्कशास्त्र में, प्रतीकों की सीमित अभिव्यक्ति, जैसे : प ⊃ फ।

Expressionism
अभिव्यंजनावाद वह सिद्धांत कि कला का उद्देश्य बाह्य जगत् के विषय में किसी तथ्य का वर्णन करना नहीं बल्कि कलाकार की भावनाओं, अनुभूतियों तथा अभिवृत्तियों को अभिव्यक्त करना मात्र है।

Expressive Meaning
भावव्यंजक अर्थ, अभिव्यंजक अर्थ किसी पद या वाक्य का वह अर्थ जो किसी वस्तुस्थिति को नहीं बताता बल्कि वक्ता के मन की अवस्था या उसके भाव या संवेग को व्यक्त करता है।

Extension
वस्त्वर्थ तर्कशास्त्र में, वे सभी वस्तुएँ जो किसी पद के अंतर्गत आती हैं, अर्थात् जिन पर वह पद लागू होता है या जिनका वह नाम होता है।

Extensive Abstraction
विस्तारी अपाकर्षण ह्वाइटहेड (Whitehead) के द्वारा बिंदु, रेखा इत्यादि गणितीय संप्रत्ययों को संवेद्य वस्तुओं से जोड़ने के लिए अपनाई गई एक प्रणाली। जैसे : इसके द्वारा हम एक वृत के अंदर दूसरे वृत की कल्पना करते हुए उत्तरोत्तर अधिक छोटे वृत में पहुँचते जाते हैं और इस तरह बिंदु का संप्रत्यय हमारे लिए बोधगम्य हो जाता है।

Extensive Quality
विस्तारशील गुण वह गुण जिसकी मात्रा को संख्या के द्वारा सही-सही बताया जा सकता हो। जैसे : भार, लम्बाई इत्यादि। कोहेन और नेगेल के 'तर्कशास्त्र' में इसका 'intensive quality' से भेद किया गया है, जिसकी न्यूनता या अधिकता तो बताई जा 'सकती है परंतु कितनी ?' का सही-सही उत्तर नहीं दिया जा सकता।

Exterroity
बाह्यता विशेष रूप से ज्ञाता के मन से बाहर होने का गुण।

Externalism
बाह्यादानवाद शिक्षा-दर्शन में, वह सिद्धांत कि मनस् प्रारम्भ में बिल्कुल कोरा होता है और फलतः बाहर से वस्तुओं को ग्रहण करके ही उसका विकास होता है। देखिये `tabula-rasa`


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