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Urdu-Hindi Shabdkosh

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ज़ख़ाम (ضخام)
अ. वि.- हर चीज़ जो बड़े डीलडौल की हो।

ज़ख़ामत (ضخامت)
अ. स्त्री.- मोटाई, दल; स्थूलता, मुटापा।

ज़ख़ारिफ़ (زخارف)
अ. पुं.- ज़ख़्रफ़ः' का बहु., झूठी और बनावटी बातें।

ज़ख़ीम (ضخیم)
अ. वि.- मोटा, दलदार; स्थूल, फर्बेह।

ज़ख़ीरः (ذخیرہ)
अ. पुं.- जमा किया हुआ, संचित किया हुआ, स्कंध।

ज़ख़ीरःअंदोज़ (ذخیرہ اندوز)
अ. फा. वि.- नाज आदि का संचय करनेवाला।

ज़ख़ीरःअंदोज़ी (ذخیرہ اندوزی)
अ. फा. स्त्री.- नाज आदि अथवा दूसरी बिकनेवाली वस्तुओं को इस आशय से जमा करना कि जब महँगी होगी तब बेचेंगे।

ज़ख़ीरएअमल (ذخیرۂ عمل)
अ. पुं.- अच्छे-बुरे कर्मों का पहलोक के लिए संचय।

ज़ख़ीरएआख़िरत (ذخیرۂ آخرت)
अ. पुं.- परोलक में काम आनेवाले कर्म अर्थात् जप-तप आदि का संचय।

ज़ख़्ख़ार (زخار)
अ. वि.- अपार, जिसका छोर न मिले; मौजें मारती हुई (नदी)।


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