फा. पुं.- वह स्थान जहाँ पूजा की आग रहती है, अग्निशाला; पारसियों की अग्निशाला जहाँ की आग कभी बुझती नहीं है; चूल्हा, भट्टी; वह स्थान जहाँ चूल्हा या भट्ठी जलती हो।
आतशख़्वार (آتش خوار)
फा. पुं.- आग खानेवाला; चकोर, कब्क, एक पक्षी जो चाँद का प्रेमी है।
आतशागाह (آتش گاہ)
फा. स्त्री.- दे. 'आतशख़ानः'।
आतशगीर
फा. वि.- आग पकड़ लेनेवाला, वह वस्तु या माद्दा जो तुरंत आग पकड़ ले, विस्पोटक, ज्वलनशील; जिस चीज से आग पकड़ी जाय; जैसे, चिमटा।
आतशाज़दः (آتش زدہ)
फा. वि.- जिसमें आग लग गयी हो, आग लगा हुआ; आग से जला हुआ, सोख्ता।