यह बाज़ार के विखंडीकरण की ऐसी रणनीति है जिसके अनुसार किसी भावनात्मक अपील पर एक जैसी प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले या एक जैसे व्यवहार प्रतिमान रखने वाल सभी ग्राहकों को एक समजातीय खंड में रख दिया जाता है ।
Public company
सार्वजनिक कंपनी
सार्वजनिक कंपनी' से आशय ऐसी कंपनी से है जो निजी कंपनी नहीं है और जिसके अंतर्नियमों के अनुसार उसकी सदस्यता जनता के लिए खुली है । सदस्यों की संख्या सात और अधिक से अधिक चाहे जितनी हो सकती है । सार्वजनिक कंपनी विवरण पत्रिका जारी करके जनता को अपने शेयर और डिबेंचर लेने के लिए आमंत्रित कर सकती हैं ।
तुलo देo private company.
Public enterprise
सरकारी उद्यम, लोक उद्यम
राज्य अथवा सरकारी, अर्धसरकारी या स्वशासी निकायों के स्वामित्व वाले उद्यम । सामायतः इसमें वे उद्योग भी शामिल किए जाते हैं जिनमें निजी पूंजी भी लगी हो, लेकिन सरकार की अंशपूंजी कुल अंशपूंजी की 50 प्रतिशत से अधिक हो ।
Public relations
जन-संपर्क
व्यापारिक फर्में विभिन्न हित-वर्गों जैसे-ग्राहक, माल विक्रेता, प्रतियोगी, कर्मचारी, पूंजीदाता, ऋणदाता, स्थानीय जन समुदाय तथा सरकार आदि को अपने बारे में अधिकाधिक जानकारी प्रदान करना चाहती हैं ताकि ऐसे हित वर्गों का संबंधित कंपनी में विश्वास बढ़ता रहे । जानकारी और विश्वास जागृति के इन उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए जिन नीतियों का कार्यान्वयन किया जाए उन्हें जन-संपर्क कार्यक्रम के अधीन सम्मिलित किया जाता हैं ।
Purchasing power
क्रय-शक्ति
द्रव्य द्वारा वस्तुओं तथा सेवाओं की खरीद पाने की क्षमता । द्रव्य अपने धारक की क्रय शक्ति प्रदान करता हैं, परन्तु वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यों में परिवर्तनों के साथ इस शक्ति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं । ऐसे उतार-चढ़ाव का मापन प्रायः अनेक वस्तुओं और सेवाओं के सम्मिलित मूल्य सूचकांक के संदर्भ में किया जाता है । यह मूल्य सूचकांक सामान्य मूल्य स्तर के रूप में जाना जाता है । जब मूल्य चढ़ते हैं तो धन की क्रय शक्ति घटती है और यह विलोम संबंध सामान्य मूल्य स्तर और धन की क्रय शक्ति के मध्य बराबर बना रहता है । क्रय-शक्ति के इन उतार-चढ़ावों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय सरकारें अपनी मूल्य नीतियाँ, मुद्रा नीतियाँ तथा विनिमय-दर नीतियाँ निर्धारित है ।
Put and call option
मंदी व तेजी विकल्प
इसके अधीन एक निर्दिष्ट मूल्य पर किसी शेयर की एक निश्चित मात्रा खरीदने या बेचने का विकल्प प्राप्त किया जाता है । ऐसे विकल्प तेज़ी और मंदी दो प्रकार के हो सकते हैं । मंदी विकल्प के अनुसार जिस व्यक्ति द्वारा यह विकल्प खरीदा जाता हैं वह अंश के मूल्य में गिरावट की आशा करता है और इसलिए वह ऐसे अंशों को आज के चढ़े हुए मूल्यों पर भविष्य में बेचने का विकल्प प्राप्त करना चाहता हैं । मंदी विकल्प धारक को अंशों के बेचने का अधिकार प्रदान करता है, वह विकल्प संविदा के विक्रेता को ऐसे अंशों को खरीदने के लिए बाध्य करता है । यदि अंशों के मूल्य भविष्य में आशा के अनुसार न गिरे तो विकल्प संविदा के खरीदार को यह अधिकार रहेगा कि वह मंदी के विकल्प का प्रयोग न करे ।
तेज़ी विकल्प मंदी विकल्प का ठीक विलोम होता हैं और इसके अधीन भावी मूल्य में बढ़ोत्तरी की आशा करते हुए विकल्पधारी निहित अंशों को आज के मूल्य पर (जो कम होते हैं ) खरीदने का विकल्प प्राप्त करता है । आशा फलित होने पर विकल्पधारी अंशों को खरीद लेता है और आशानुकूल मूल्य वृद्धि न होने पर विकल्प का प्रयोग नहीं करता है ।
Pyramiding
पिरामिडीकरण
संबद्ध इकाइयों तथा व्यापारिक व्यवहारों की श्रृंखलाओं का एक तलबद्ध रूप में फैलाव पिरामिडीकरण कहा जा सकता हैं । यह फैलाव ऊर्ध्वगामी अथवा अधोगामी हो सकता है । वित्त और व्यापार के क्षेत्र में इस अवधारणा का प्रकार से प्रयोग किया जाता है । इसके कुछ स्वरूप निम्न हैं :-
(1) निवेश औत पिरामिडीकरण investment and pyramiding.
(2) नियंत्रण-सहायक कंपनी पिरामिडीकरण holding-subsidiary pyramiding.
(3) संगठन पिरामिडीकरण organisation pyramiding.