logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VII)

Please click here to read PDF file Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VII)

बाँभन
ब्राह्मण।
संज्ञा
[सं. ब्राह्मण]
बाँभन मारैं नहीं भलाई-१०-५७।

बाँस
एक प्रसिद्ध गँठीली वनस्पति।
संज्ञा
[सं. वंश]
बाँसो उछलना - बहुत प्रसन्न होना।

बाँसपूर
एक तरह का महीन कपड़ा।
संज्ञा
[हिं. बाँस + पूरना]

बाँसली, बाँसुरी, बाँसी
मुरली, बाँसुरी।
संज्ञा
[हिं. बाँस, बाँसुरी]

बाँह
भुजा, बाहु।
संज्ञा
[सं. बाहु,]
बाँह थको बायसहिं उड़ावत-2७६९।
बाँह गहना (पकड़ना) - ( १ ) सहारा देना। (२) विवाह करना। बाँह की छाँह लेना - शरण लेना। बाँह चढ़ाना - (१) किसी बात के लिए तैयार होना। (२) लड़ने को मुस्तैद हो जाना। बाँह देना - सहारा देना। देहु बाँह - सहारा, आश्रय और शरण दो। उ. - सुख सोऊँ सुनि बचन तुम्हारे देहु कृपा करि बाँह-१- ५१। दै बाँह - आश्रय देकर, छाया करके। उ. - बर्षत में गोपाल बुलाए अभय किये दै बाँह-९५७। बाँह बुलंद होना - (१) साहसी होना। (२) दानी और उदार होना।

बाँह
बाँह-बोल - सहायता का वचन। बल, शक्ति।
यौ.

बाँह
सहायक।
यौ.
बाँह टूटना - सहायक न रह जाना।

बाँह
सहारा, भरोसा।
यौ.

बाँह
आस्तीन।
यौ.

बाँहाजोरी
गले में बाहें डाले हुए।
क्रि. वि.
[हि. बाँह+ जोड़ना]
(क) बाँहाजोरी निकसे कुंज तें-पृ. ३१५ (४८)। (ख) बाँहाजोरी कुसुम चुनत दोउ-2८७१।


logo