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Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VII)

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बहू
पुत्र - वधू।
संज्ञा
[सं. बघू]

बहू
पत्नी।
संज्ञा
[सं. बघू]

बहूटनि
बाँह का एक गहना।
संज्ञा
[हिं. बाहुँटा]
बहु नग लगे इराव की अंगिया भुजा बहूटनि बलय संग को-१०४२।

बहूदक
एक वर्ग के संन्यासी।
संज्ञा
[सं.]

बहेड़ा, बहेरा
एक जंगली पेड़ जिसका फल वैद्यक के अनुसार बहुत गुणकारी होता है।
संज्ञा
[सं. विभीतक, प्रा. बहेड़अ, हि. बहेड़ा]
बाइबिरंग बहेड़ा हरैँ कहुँ बैल गोंद व्यापारी-११०८।

बहेतू
मारा-मारा फिरनेवाला।
वि.
[हिं. बहना]

बहेरी
हीला-बहाना।
संज्ञा
[हिं. बहराना]

बहेलिया
शिकारी, व्याध।
संज्ञा
[सं. वध + हेला]

बहै
प्रवाहित हो।
क्रि. अ.
[हिं. बहना]

बहै
वायु चले।
क्रि. अ.
[हिं. बहना]
(क) सीतल मंद सुगंध पवन बहै। रोम-रोम सुखदाई-१८६६। (ख) जैसी बयारि बहै। तैसी ओढ़िए जू पीठि-2०२५।


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