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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Ka Apaar Paryavachi Shabd Bhandar

समयपूर्व
व्यारें अक्तां, पैलांसे, पैलई, पैलसें, पैलउँ, अँगाउँसे।

समाधान
हल, निनोरा, निनवारवौ, निरवारवौ, निरोरवौ, उपाव, समाहार।

समाना
समावौ, अमावौ, भरवौ, बनजवौ, विलावौ, भरजावौ, ठूँसठाँस, ठूँसवौ, धँसबौ।

समाप्ति
खातमा, खतम, खेलखतम, समापन, समापन, बढ़ावौ, अंत, खलास, नष्ट।

समीप
एंर, नेंगर, लिंगा, निंगा, हतइँ, नीरें, निअरौ, ऐंगरइं, नेंगरई, नगीचे, पासइ, ऐंगरें, नेंगरें।

सर्वत्र
सबरेहार, सबकउं, जांता, सबइजंगा, जांगा-तांगा, असफेर में, चौगिरदां, सबरें, मुलकभरें में, सबरइँ।

सलाह
सलाय, रायसलाय, मत मतौ, मसबिरा, मसविरौ, गैलबतावौ, विचार, सला।

संकोच
सकोच, लिहाज, झिझक, शरम, लाज, अकस, झेंप, सकुचवौ, चमकवौ, लजावौ, झिझकवौ।

संतति
संताने, लिड़धार, बाल बच्चे, लरका-बिटियां, बालगोपाल, संतत, मौंड़ी-मोड़ा, बंशवेल।

संसार
सिंसार, सिंसारी, मुलक, दुनिया, लोक लोकन, जगती, जग, जगत, भव, जहान, जहाँ।


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