Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Ka Apaar Paryavachi Shabd Bhandar
सुरग, परलोक, देवलोक, सुरग, लोक सरग, सरगलोक, सरगधाम, जन्नत, इन्दरलोक, सुरधाम।
आवभगत, आवआदर, सत्कार, खतरी, खातरदारी, बड़कें लैबौ, हांतन हांतन लैबौ, मनराखवौ।
सपनों, बरोटी, बर्रोटिन, सपनन, सपनिन, सपना।
चंगौ, हट्टौकट्टौ, मुसतंडा, संडमुसुंड, रूष्टपुष्ट, हिस्टपुस्ट, चेंगारौ, टटकरौ, तंदुरूस्त, टिंच, टंच।
उपतकें, अवढ़ायें, खुदइँ, खुद अपनेआप, अटकापै, अटकौपै, उमज परें।
चिनों, नामना, चिन्हारी, भेंट, चीनां, चीनों चिनारी, चीन्हौ, यादगार, ध्यान कों, निसानी।
सबेरौ, भुनसारौ, तड़कौ, अंदयाई, पौफटौ, भुकाभुकौ, दिनउयें, सकारौ, म्यानों, झुटपुटौ, अंदयारी, निउयें, फजर।
रत, निरत, जुड़ा, जुरो, दतबौ, दतपरबौ, नत्थी, जुरबौ, लगजाबौ, लगवौ, टिकवौ, जुटवौ, दत्तचित्त।
उनजस, अनुहार, वन्नकौ, बैसइ, ऊसई, बैसौ, ऊसौ, ओई-बनतक, समानता, एकसे, एकसौ।
सों, सोंह, कसम, किरिया, आंन, कौल, ध्वाई, धुनाई, धई, करार, इकवालिया।