किसी का अन्त लेना, यह पता लगाना कि किसी के मन में क्या बात है, या किसी विषय में उसकी कितनी जानकारी है।
अंतक
वि.
अन्त या नाश करने वाला।
अंतड़ी
सं. स्त्री.
आँत।
अंतड़ी
मुहा.
किसी की अंतड़ी टटोलना- भीतरी बातों की थाह लेने या पता लगाने का प्रयत्न करना, अँतड़ी जलना- भूख के मारे बुरा हाल होना, अँतड़ियों के बल खोलना- बहुत दिन बाद भोजन मिलने पर तृप्त होकर खाना।
अंतर
सं. पु.
फर्क, अलगाव, किसी वस्तु का भीतरी भाग, बीच, मध्य, दो वस्तुओं के बीच की दूरी, दो घटनाओं के बीच का समय, दो वस्तुओं को आपस में पृथक या भिन्न करने वाला तत्व या बात, भेद, फटक, दो वस्तुओं के बीच रहने वाला आवरण, आड़, ओट, छिद्र, आत्मा, परमात्मा, वस्त्र, कपड़ा, अन्तः करण, हदय।
अंतरा
सं. पु.
बीच का अवकाश, अन्तर, अन्तराल, कोना, किसी गीत के पहले पद या टेक को छोड़कर दूसरा पद या चरण।
अंतरिच्छ
सं. पु.
अंतरिक्ष, आकाश।
अंतेर-खोंतरे
वि.
इधर उधर या किसी कोने में, कभी कभी।
अंतरौटा
सं. पु.
अंतर्पट कपड़े का वह छोटा टुकड़ा जो ब्रज में स्त्रियाँ प्रायः चोली आदि के ऊपर पेट और पेडू पर लपेटती हैं, उदाहरण- श्री भामिनि कौ ले अंतरौटा मोहन शीघ्र ओढ़ायो- गोविन्द स्वामी।