वह जिसके फँसने या वश में होने से अपना विशेष लाभ हो।
संज्ञा
(फ़ा.)
मुहा.- शिकार आना-ऎसे असामी का आना जिससे लाभ हो। शिकार करना-किसी असामी से खूब लाभ उठाना। सिकार खेलना-किसी असामी को खूब लूटना। किसी का शिकार होना-(१) किसी के द्वारा फाँसा जाना। (२) किसी पर मुग्ध या मोहित होना।