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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bartan Va Tokari Sambandhi Shabd

ऊँचना
बांस का सामान बनाने के लिये बका से सीकों को साफ करना, दे. बका।

किरे
बांस की बनी टट्टियां जो छप्पर बनाने के काम आती है।

कुंडरी, कुनई
दौरिया, चंगेर आदि में नीचे तथा ऊपर के हिस्से में पड़ा हुआ पतली सींको का घेरा।

कुचेटबो, कुचेटना
टोकनी बन चुकने पर खपच्चियां या सीकों के शेष भाग की भीतर की ओर लौटने और दबाने की क्रिया।

खरौरी
दौरिया, चंगेर आदि के ऊपर का पतली सींको की बनी परत, दौरिया और चंगेर जेसे बासनों में दो परत होते हैं, बुनाई का एक प्रकार जिसमें बाँस की पतली खपच्चियों में सीकों को फंसाते चले जाते हैं, गाडी पर बिछाने के लिये बांस की लंबी चटाई।

खांची
चौड़े मुँह की टोकनी।

खीला
दौरिया अथवा चंगोर की किनार बांधने के लिये बांस की मुलायम पत्तियों के बंध।

गोट
चिकों अथवा पंखों की किनार पर लगा हुआ कपड़ा, दौरिया के सिरे पर चारों ओर लगी हुइ खपच्च।

गोना
पंखा, चिक आदि बनाने के लिये डोरे की सहायता से सीकों को विशेष प्रकार से बुनना।

चंगोर
बाँस की एक फैली हुई बड़ी टोकनी यह बच्चों के लिटाने और सुलाने के काम में आती है, ग्रामीण रस्सियों से टांग कर इसका झूला भी बनाते हैं, यह बहुधा भीतर से रंगी हुई और खूबसूरत होती है, देहातों में पुत्र जन्म के अवसर पर बुआ के घर से जो बंधाया आता है उसमें चंगेर मुख्य वस्तु होती है और बंधा भेजने को चंगेर भेजना कहते हैं।


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