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Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VI)

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निरर्थ, निरर्थक
अर्थहीन।
वि.
[सं.]

निरर्थ, निरर्थक
व्यर्थ।
वि.
[सं.]

निरर्थ, निरर्थक
निष्फल।
वि.
[सं.]

निरलज्ज
लज्जाहीन, बेशर्म।
उ.- तृष्ना बहिनि, दीनता सहचरि, अधिक प्रीतिबिस्तारी। अति निसंक, निरलज्ज, अभागिनि, घर घर फिरत न हारी-१-१७३।
वि.
(सं. निर्लज्ज)

निरवद्य
जिसे कोई बुरा न कहे।
वि.
[सं.]

निरवधि
असीम।
वि.
[सं.]

निरवधि
निरंतर।
वि.
[सं.]

निरवयव
अंगरहित, निराकार।
वि.
[सं.]

निरावलंब
आधार या आश्रय-रहित।
वि.
[सं.]

निरवाना
निराने को प्रेरित करना।
क्रि. स.
[हिं. निराना]


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