गरम करके साफ किया गया घी जिसमें मही का अंश न बचा हो।
तेली
हाल ही ब्याई हुई गाय, भैंस, बकरी का दूध जो तीन चार दिन तक कुछ विशेष गाढ़ा रहता है, इसे दूसरे दूध के साथ मिला कर तथा इच्छानुसार गुड़ या शक्कर तथा मेवा मिलाकर पकाते हैं, पकाने से सम्पूर्ण दूध, दही की तरह फटकर जम जाता है तब इसे खाते हैं, इसे बुन्देलखंड के बाहर कहीं कहीं पयो कहते हैं।