चक्की के ऊपर के पाट में बीच छेद में आड़ा लगा हुआ लकड़ी का गुटका इसके बीच में एक छेद रहता है जिसके द्वारा नीचे के पाट के संजोव में ऊपर का पाट पहना दिया जात है इस छेद में लाहे की मुंदरी लगी रहती है।
मुंदरी
मानी के छेद में पड़ा हुआ लोहे का छल्ला जो मानी को कील की रगड़ से घिसने से बचाता है।
मैदा
गेहुआँ का बहुत बारीक पिसा हुआ आटा जो आंखी से छानकर अलग किया गया है और जिसमें चोकर सा भुसका लेशमात्र न हो, मैदा बनाने के लिये गेहुंओं को पहिले पानी में थोड़ा भींगने डाल देते हैं फिर छाया में साधारण रूप से सुखाकर पीसते हैं ऐसा करने से चापर आसानी से अलग हो जाती है, पिसे हुये आटे को आंखी से छानने के पश्चात् फिर भी मोटा दानेदार आटा बचा रहता है वह रवा कहलाता है और बारीक छना हुआ आटा मैदा।