भारतवाणी परियोजना से संबंधित जनसूचना
भारतवाणी क्या है? इस परियोजना का मंतव्य क्या है?
• भारतवाणी एक परियोजना है, जिसका उद्देश्य मल्टीमीडिया (पाठ, श्रव्य, दृश्य एवं छवि) का उपयोग करते हुए भारत की समस्त भाषाओं के बारे में एवं भारतीय भाषाओं में उपलब्ध ज्ञान को एक पोर्टल (वेबसाइट) पर उपलब्ध कराना है। यह पोर्टल समावेशी, संवादात्मक और गतिशील होगा। इसका मूल उद्देश्य है डिजिटल भारत के इस युग में भारत को मुक्त ज्ञान समाज बनाना।
भारतवाणी ज्ञान पोर्टल के लाभार्थी कौन होंगे?
• भारतवाणी का उपयोग विभिन्न सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक (औपचारिक एवं अनौपचारिक) पृष्ठभूमि तथा सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं।
भारतवाणी के लिए सामग्री का संकलन कैसे किया जायेगा?
• भारतवाणी का उपयोग विभिन्न सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक (औपचारिक एवं अनौपचारिक) पृष्ठभूमि तथा सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं।
भारतवाणी के लिए सामग्री का संकलन कैसे किया जायेगा?
• भारतवाणी भारत के समस्त सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों, शैक्षणिक बोर्ड, पाठ्य-पुस्तकों से संबंधित निदेशालयों, विश्वविद्यालयों, आकादमी एवं प्रकाशन गृहों आदि से ज्ञान सामग्री का संकलन मल्टीमीडिया के रूप में समस्त सूचीबद्ध भाषाओं में करेगी।
• भारतवाणी व्यक्तिगत संस्थाओं से भी आग्रह करेगी कि अनवरत ऑनलाइन उपयोग के लिए वे अपनी सामग्री को साझा करें।
• सामग्री संकलन और प्राथमिकता निर्धारण को अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाएगा। संपादकीय समिति द्वारा प्रस्तुत सिफारिशों पर सलाहकार समिति द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
• भारतवाणी का ध्येय ज्ञान सामग्री को प्रकाशित करना है। इसके साथ ही सलाहकार समिति द्वारा विशिष्ट मापदंडों के आधार पर चयनित कथेतर साहित्य को भी प्रकाशित करना है।
भारतवाणी सामग्री की गुणवत्ता कैसे सुनिश्चित करेगी?
• भारतवाणी सामग्री प्रकाशन की शुरुआत विषय विशेषज्ञों द्वारा रचित सामग्री तथा प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा प्रकाशित सामग्री से करेगी। इस क्रम में सर्वप्रथम भारतीय भाषा संस्थान द्वारा प्रकाशित सामग्रियों को लिया जाएगा।
• नव-सृजित सामग्री के प्रकाशन के संदर्भ में भारतवाणी द्वारा प्रत्येक भाषा के लिए गठित संपादकीय समिति द्वारा निर्णय लिया जाएगा।
• त्रुटि रहित सामग्री के प्रकाशन हेतु एक व्यवस्थित तंत्र स्थापित किया जाएगा।
क्या भारतवाणी भाषा से संबंधित सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों को सार्वजनिक करेगी?
• भारतवाणी, भारतीय भाषाओं के लिए उपलब्ध एवं अद्यतित आई.टी. उपकरणों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी जो संचार मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी (एम.सी.आई.टी.) के साथ समन्वय स्थापित करेगी, जो अपनी विभिन्न एजेंसियों यथा- टी.डी.आई.एल. आदि के माध्यम से ऐसे उपकरणों के विकास में संलग्न हैं। भाषा से संबंधित विभिन्न उपकरणों यथा- फॉन्ट, सॉफ्टवेयर, टंकण उपकरण, मोबाइल एप्स, बहुभाषी अनुवाद उपकरण, पाठ से वाक् एवं वाक् से पाठ आदि उपलब्ध कराए जाएँगे।
बृहद पैमाने पर समाज के लिए भारतवाणी से क्या लाभ हैं?
• भारतवाणी, भारतीय भाषाओं/मातृभाषाओं को बृहद पैमाने पर उपलब्ध कराएगी, जिसके परिणाम-स्वरूप युवा पीढ़ी अपनी सभी ऑनलाइन गतिविधियों यथा- ब्लागिंग, सामाजिक मीडिया और अध्ययन आदि के लिए मातृभाषा का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित होगी।
• भारतवाणी, लुप्तप्राय भाषाओं,अल्पसंख्यक भाषाओं एवं जनजातीय भाषाओं/मातृभाषाओं को साइबर स्पेस में महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगी।
• भारतवाणी, भारत की लगभग सभी भाषाओं/मातृभाषाओं के साथ-साथ भारत के सभी समुदायों के साथ संपर्क स्थापित करने, दूर-दराज़ के क्षेत्रों तक पहुँचने और सांस्कृतिक जागरूकता और समझ को बढ़ावा देने का कार्य करेगी।
क्या भारतवाणी सरकारी सूचनाओं को प्रकाशित करेगी?
• भारतवाणी परियोजना का कृषि, व्यापार, शिक्षा, सामाजिक क्षेत्र, समय पर सेवाएँ प्रदान करने वाले एवं अन्य महत्वपूर्ण/आवश्यक पोर्टल से संबंध होगा, जिससे सभी नागरिकों को एक ही पोर्टल पर संबंधित ज्ञान और सूचनाओं की प्राप्ति होगी।
भारतवाणी में किन भाषाओं को सम्मिलित किया गया है?
• भारतवाणी परियोजना के अंतर्गत २२ अनुसूचित भाषाओं सहित १०० से अधिक भाषाओं को शामिल किया गया है।
भारतवाणी का ठोस लक्ष्य क्या है? भारतवाणी में प्रकाशित सामग्री किस प्रकार की होगी?
• भारतवाणी अपने परिचालन के पहले और दूसरे वर्ष में प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित विषयों से संबंधित ज्ञान सामग्री का सृजन करेगी। तदोपरांत अगले पाँच वर्षों के लिए प्रत्येक भाषा/मातृभाषा से संबंधित विशिष्ट सामग्री के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया है। प्रारंभ में विभिन्न भाषाओं में सहजता से उपलब्ध सामग्रियों को प्रकाशित करने का प्रयास किया जाएगा।
• भारतवाणी निम्नांकित कार्यों को करेगी –
१. भाषा और साहित्य का प्रलेखन डिजिटल और इलेक्ट्रानिक स्वरूप में तैयार करना
२. लिपि और उसका नामांकन तथा टाइपोग्राफी कोड तैयार करना
३. शब्दकोशों और शब्दावलियों का निर्माण करना
४. मौखिक एवं लिखित साहित्य तथा ज्ञान ग्रंथों का आधुनिक और शास्त्रीय भाषाओं में अनुवाद करना
५. ऑनलाइन भाषा शिक्षण, अधिगमएवं भाषा शिक्षक हेतु प्रशिक्षण प्रदान करना, प्रमाणपत्र देगा तथा सतत, व्यापक मूल्यांकन सहित ऑनलाइन भाषा परीक्षण और मूल्यांकन पर ध्यान देगा।
क्या भारतवाणी में प्रकाशित सामग्री का निःशुल्क उपयोग किया जा सकता है? भारतवाणी में सामग्री का कॉपीराइट कैसे सुरक्षित किया जाएगा?
• भारतवाणी, आम नागरिक, विशेष रूप से भारतीय नागरिकों के साथ ज्ञान साझा करने के उद्देश्य से निर्मित आधुनिक युग का एक पोर्टल है, अतः भारतवाणी पोर्टल पर उपलब्ध समस्त सामग्री को शैक्षणिक और अनुसंधान प्रयोजनों के लिए निःशुल्क उपयोग में लाया जा सकता है।
• भारतवाणी पोर्टल, भारतीय कॉपीराइट (संशोधन) अधिनियम २०१२ के अनुसार केवल ऐसी गतिविधियों की अनुमति देता है जो धारा ५२ के तहत कॉपीराइट उल्लंघन के अंतर्गत नहीं आते हैं।
क्या निजी संस्थानों और व्यक्तियों द्वारा भारतवाणी के लिए योगदान किया जा सकता है? क्या भारतवाणी द्वारा ऐसी सामग्रीयों के लिए मानदेय का भुगतान किया जायेगा?
• हाँ। मौलिक कथेतर साहित्य/ज्ञान सामग्री के निःशुल्क सार्वजनिक उपयोग के लिए योगदान किया जा सकता है। लेखकों के योगदान के लिए उन्हें श्रेय दिया जाएगा। इस प्रकार की सामग्री की स्वीकृति संपादकीय समिति के अनुमोदनाधीन होगी।
• ऐसी प्रदत्त सामग्रीयों को मातृभाषा में प्रस्तुत करने के लिए भारतवाणी ऑनलाइन उपकरण उपलब्ध करायेगी।
• सामग्री के सतत उपयोग के लिए मानदेय के दरों का निर्धारण सलाहकार समिति द्वारा किया जाएगा, जो मौलिक सामग्री के लिए निर्धारित वित्त, सामग्री की मौलिकता और उसकी विशिष्टता पर निर्भर करेगा।
शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए भारतवाणी कैसे सुलभ होगी?
• भारतवाणी, पोर्टल विकसित करने में भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मापदंड़ो का भी अनुपालन करेगी।
• भारतवाणी, निःशुल्क रूप में पाठ से वाक् की सुविधा को उपलब्ध भाषाओं में प्रदान कराएगी ताकि नेत्रहीन लोगों द्वारा भी वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्री का उपयोग किया जा सके।
यदि कोई भारतवाणी पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी/सूचना का दुरुपयोग कर रहा है, तो क्या होगा?
• भारतवाणी साधारणतः नागरिकों पर विश्वास करती है। इस पर उपलब्ध सामग्री की यदि कोई नकल करता है या सामग्री का दुरुपयोग करता है तो उसे तुरंत हमारे ध्यान में लाया जा सकता है। भारतवाणी, भाषाओं को सीखने और प्रसारित करने के लिए, जो भारतीय समाज की समृद्ध विरासत के संरक्षण में सहयोगी होगा, प्रोत्साहित करती है।
भारतवाणी की प्रशासनिक संरचना क्या है?
• भारतवाणी का परिचालनः
१. प्रख्यात भाषावैज्ञानिकों एवं विषय विशेषज्ञों की एक राष्ट्रीय सलाहकार समिति के द्वारा होता है।
२. पोर्टल और भाषा उपकरणों के तकनीकी पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रौद्योगिकी सलाहकार समिति के द्वारा प्रदान किया जाएगा।
३. भारतवाणी हेतु सामग्री संकलन के लिए भाषावार संपादकीयसमितियों का गठन किया गया है।
भारतवाणी का परिचालन कहाँ से होता है?
• भारतवाणी का परिचालन भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर (कर्नाटक) के परिसर से होता है।
पत्र-व्यवहार का पता
भारतवाणी परियोजना
भारतीय भाषा संस्थान
मानसगंगोत्री, हुणसूर मार्ग, मैसूरू –५७०००६
दूरवाणी:+९१-८२१-२५१५८१० (निदेशक)
स्वागत-कक्ष/PABX : +९१-८२१-२३४५०००
फ़ैक्स:+९१-८२१-२५१५०३२ (कार्यालय)
परियोजना का ई-मेल:bharatavaniproject@gmail.com
Frequently Asked Questions
What is Bharatavani? What is the philosophy behind the project?
Who are the beneficiaries of Bharatavani knowledge portal?
How the content is aggregated for Bharatavani?
How Bharatavani ensures the quality of the content?
Will Bharatavani publish language IT tools?
What are the benefits of Bharatavani to the society at large?
Will Bharatavani publish Government information?
Which are the languages included in Bharatavani as of now?
What are the physical targets of Bharatavani? What are the types of content that are being published in Bharatavani?
Will the content published in Bharatavani be accessed freely? How the copyright of the content in Bharatavani would be protected?
Can private institutions and individuals contribute to Bharatavani? Will Bharatavani pay an honorarium for the content?
How Bharatavani is made accessible for Physically Challenged?
What happens if somebody steals the information from Bharatavani?
What is the administrative structure of Bharatavani?
Where is Bharatavani located?
Postal address:
Bharatavani Project
Central Institute of Indian Languages (CIIL)
Manasagangotri, Hunsur Road, Mysuru 570006
Tel: +91-821-2515820 (Director)
Reception/PABX : +91-821-2345000
Fax: +91-821-2515032 (Off)
Email: bharatavaniproject@gmail.com