Rajaneetivijnan Paribhasha Kosh (English-Hindi) (CSTT)
Commission for Scientific and Technical Terminology (CSTT)
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Machiavellism
मैक्यावलीवाद 16 वीं शताब्दी के इतालवी राजनीतिज्ञ मैक्यावली के प्रसिद्ध ग्रंथ “द प्रिंस” में व्यक्त विचारों को हेय दृष्टि से मैक्यावलीवाद कहा जाता है। इनका सारांश यह है कि राजा को राज्य के संरक्षण और स्थायित्व के लिए कोई भी उपाय अपनाना, जिनमें छल, कपट, विश्वासघात भी शामिल हैं, अनुचित नहीं होगा। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वह धर्म और नैतिकता के सामान्य सिद्धांतों की भी उपेक्षा कर सकता है।
Macht politik ( = power politics)
सत्तार्थ नीति, शक्ति नीति ऐसी राजनीति जिसका केन्द्रबिन्दु शक्ति की प्राप्ति, शक्ति का प्रसार और शक्ति को दृढ़ करना होता है और जिसमें सार्वजनिक हित तथा जनमत गौण होकर रह जाते हैं। इस प्रकार की राजनीति में उन साधनों का उपयोग भी अनुचित नहीं माना जाता जिन्हें मैक्यावलीय साधन कहते हैं। परिणामस्वरूप राष्ट्रों, समूहों, दलों, गुटों और व्यक्तियों में शक्ति के लिए निरंतर संघर्ष बना रहता है।
Magna Carta
मेग्रा कार्टा सन् 1215 में अंग्रेज सम्राट जॉन द्वारा अपने सामंतों के दबाव के फलस्वरूप स्वीकृत एक घोषणापत्र जिसे संवैधानिक शासन की दिशा में प्रथम चरण कहा जा सकता है और जिसका लक्ष्य सम्राट की स्वेच्छाचारिता पर प्रतिबंध लगाना तथा प्रजा के अधिकारों को सुरक्षित करना था। इस घोषणा पत्र में 37 धाराएँ थीं जिनमें किसी व्यक्ति को मुकदमा चलाए बिना कारावास में न रखना, नागरिकों के घरों में बलात् सैनिकों को न ठहराया जाना आदि प्रमुख थीं।
Magnum Concilium
मेग्नम काउन्सिलियम इंग्लैंड में नार्मन राजाओं के समय अर्थात् ग्यारहवीं शताब्दी में सामंतों, धर्माधिकारियों एवं अन्य राजकीय विश्वासपात्र राजघराने के विशिष्ट सदस्यों की सभा जिसकी सहायता व परामर्श से राजा शासन करता था। मुख्यतः यह राजा को विधि-निर्माण और कराधान में परामर्श देती थी और न्याय-प्रशासन की भी सर्वोच्च निकाय थी। वस्तुतः इस परिषद को वर्तमानकालीन संसद मंत्रिमंडल प्रिवीकाउंसिल और उंच्च न्यायालय की जननी कहा जा सकता है।
Majority government
बहुमत सरकार जब किसी राजनैतिक दल को संसद के निचले सदन में आधे से अधिक स्थान प्राप्त हो जाते हैं तो उस दल की सरकार को “बहुमत सरकार” कहते हैं।
Majority rule
बहुमत शासन वह व्यवस्था जिसके अनुसार बहुमत का निर्णय ही मान्य होता है।
Malum prohibitum
निषेधतो दोष ऐसा कार्य जो परंपरा और नैतिकता के अनुसार अपराध न होने पर भी विधि तथा संविधान द्वारा निषिद्ध घोषित कर दिया गया हो।
Mandamus
परमादेश किसी न्यायालय द्वारा किसी लोक-कार्य के निष्पादनार्थ दिया गया विधिक आदेश। इस प्रकार के आदेश उच्च न्यायालय द्वारा किसी नीचे के अधिकरण निगम अथवा किसी व्यक्ति को भी दिए जा सकते हैं और उनसे लोक कार्यों को विधिवत् निष्पादित करने का आग्रह किया जा सकता है। ऐसा आदेश प्रायः उसी स्थिति में जारी किया जाता है जबकि संबंधित अधिकरण, निगम या व्यक्ति अपने लोक-कर्तव्य का जानबूझकर पालन न कर रहा हो।
Mandate
अधिदेश प्रथम विश्व युद्ध के बाद राष्ट्रसंघ के अधीन वह व्यवस्था जिसमें विजित राष्ट्रों के उपनिदेशों के नियंत्रण एवं शासन का अधिकार राष्ट्रसंघ द्वारा उन विजित राष्ट्रों को दिया गया था जो इसके लिए सहमत थे और जिसका उद्देश्य उन क्षेत्रों को स्वशासन के लिए तैयार करना था। जिस राज्य को यह उत्तरदायित्व सौंपा जाता था उसे अधिदेश प्राप्त राज्य (mandate power) कहते थे। इसके लिए राष्ट्रसंघ और अधिदेश प्राप्त राज्य के मध्य संपन्न समझैते के अधिदेशाधीन राज्य (mandate area) कहा जाता था।
Manifesto
घोषणापत्र किसी संस्था, राजनीतिक दल अथवा संप्रदाय की रीति-नीतियों अथवा विचारधारा की घोषणा करने वाला प्रपत्र। इस प्रकार का घोषणापत्र राजनीतिक दलों द्वारा प्रायः निर्वाचन के पूर्व जनता को अपनी नीतियों और कार्यक्रमों से अवगत कराके लोकमत को अपने पक्ष में करने के लिए जारी किया जाता है। इसे निर्वाचन घोषणा पत्र कहते हैं। 1848 में जारी किया गया “साम्यवादी घोषणापत्र” साम्यवादी साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखता है।
Manoeuvre
युक्तिचालन, स्थिति-परिवर्तन-कौशल चतुराई, धूर्तता अथवा मुस्तैदी के साथ किसी परिस्थिति विशेष को अपने अनुकूल करने अथवा उससे स्वयं को अलग करने के उपाय।
Maquis
माकी, फ्रासीसी गुरिल्ला सैनिक द्वितीय महायुद्ध के दौरान फ्रांस के जर्मन आधिपत्य वाले क्षेत्र में फ्रांसीसी गुरिल्ला दल जिसका उद्देश्य तोड़फोड़ की कार्रवाई द्वारा जर्मन अधिकारियों और सैनिकों का मनोबल गिराना था।
March land
सीमांतभूमि वह भूमि जो किन्ही दो या दो से अधिक राज्यों अथवा देशों के सीमावर्ती भू-भाग के मध्य स्थित हो।
Maritime belt
समुद्रतटवर्ती पट्टी, भूभागीय समुद्र किसी राज्य के तट से संलग्न वह समुद्रवर्ती क्षेत्र जो राज्य की संप्रभुता के अधीन माना जाता है और जिसे भूभागीय समुद्र अथवा प्रादेशिक समुद्र अथवा समुद्री पट्टी आदि अनेक नामों से जाना जाता है। परंपरा से इसकी दूरी तीन मील मानी जाती थी परन्तु अनेक राज्य उससे संतुष्ट नहीं थे और राष्ट्रीय दावे 12 से लेकर 200 मील तक की दूरी के थे। 1983 में स्वीकृत तृतीय समुद्र-विधि अनुबंध के अंतर्गत अब यह दूरी 12 मील निर्धारित कर दी गई है।
Maritime boundary
समुद्री सीमा किसी देश अथवा राज्य के तट से लगे समुद्र की वह सीमा जो अंतर्राष्ट्रीय क़ानून के अनुसार संबंधित राज्य के नियंत्रण व क्षेत्राधिकार में हो। 12 मील की दूरी का भूभागीय समुद्र तटवर्ती राज्य की संप्रभुता के अधीन होता है। उससे आगे और 12 मील तक के संलग्न क्षेत्र में उसे अनेक उद्देश्यों के लिए नियंत्रण के अधिकार प्राप्त होते हैं। इसके अतिरिक्त 200 मील दूर के अनन्य आर्थिक क्षेत्र के आर्थिक दोहन का उसे अनन्य अधिकार होता है। अतः अंतर्राष्ट्रीय विधि अनेक समुद्रवर्ती सीमाओं व क्षेत्रों को मान्यता देती है।
Maritime court
समुद्री न्यायालय विभिन्न देशों के समुद्री सीमा क्षेत्रों तथा उनमें होने वाले व्यापार, नौवहन आदि संबंधी विवादों की सुनवाई करने वाला न्यायालय।
Maritime flag
समुद्री ध्वज, समुद्री पताका किसी राज्य के वाणिज्यिक पोतों पर लगाया जाने वाला राष्ट्रीय झंडा। यह जलपोत की राष्ट्रीयता का सूचक होता है।
Maritime honours
नाविक सम्मान किसी राज्य के नौसैनिक बेड़े पर काम करने वाले नाविकों को, उनके साहस तथा वीरतापूर्ण कार्यों के लिए दिया गया सम्मान।
Maritime law
समुद्री विधि, समुद्री क़ानून समुद्री व्यवस्था एवं समुद्र के उपयोग संबंधी क़ानून व नियम जिनका निरूपण समय- समय पर स्वीकृत अंतर्राष्ट्रीय अनुबंधों में किया गया है। 1958 के चार जेनेवा अभिसमय और 1983 में तृतीय समुद्र विधि सम्मेलन द्वारा पारित अभिसमय इनके उदाहरण हैं।
Maritime territory