बाँहों में भर लेना, गले लगाना, ठकुराइन ने युवती को अपने अंक में ले लिया। (वीणा, जन. 1934, पृ. 556)
अंकुर फूटना
मुहा.
कल्ले फूटना, विकास होना, आदमी इतना बंजर हो गया है कि उसमें संवेदना के अंकुर फूटना बंद हो गया है। (सं.का.वि. : प्र.श्री., पृ. 21)
अँकोरना
क्रि. (सक.)
अंक में भरना, आलिंगन करना, बड़े हो जाने पर पूर्ण भावबोध से मृत्यु को अँकोरने का आनंद और ही है। (काद. : मार्च 1978, पृ. 94)
अँखफोर होना
मुहा.
आँखों खुली होना, पढ़ने में समर्थ होना, इस देश की अधिकांश जनता अशिक्षित है, बहुत लोग गुमराह हैं, कितनी ही बातों में जनता अभी अँखफोर भी नहीं हुई है। (शि.पू.र., खं. 3, पृ. 451)
अँखुआ
सं. (पु.)
अँकुर, आम के नए कल्ले और अँखुए, ये सभी कामदेव के बाण बन जाते हैं। (दिन, 7 अप्रैल, 67, पृ. 39)
अँखौटा
सं. (पु.)
आधार, सहारा, पश्चिमी किसानों के फैलाए हुए प्रचारों को अँखौंटे बनाकर हम मौजूदा दुविधा के पार नहीं जा सकते। (ज. स., 5 मार्च, 1984, पृ. 4)
अंगज
सं. (पु.)
पुत्र, बेटा, उसके अंगज ने प्रतियोगी परीक्षा में प्रथम स्थान पाकर परिवार को निहाल कर दिया। (काद, : जून 1982, पृ. 9)
अंगड़-खंगड़
वि. (अवि.)
बेकाम, फालतू, अनुपयोगी, आँगन में अंगड़-खंगड़ ईटें बिखरी हैं, (दिन, 2 से 5 अक्तू. 1977, पृ. 10)
अंगार (अंगारों) पर लोटना
मुहा.
ईर्ष्या से जलना, वे दूसरों की उन्नति देखकर अंगार पर लोटने के आदी हैं। (म.का मत, 17 नव., 1923, पृ. 83)
अंगारों पर पेट्रोल छिड़कना
मुहा.
आग, विवाद आदि को और भड़काना, इसलिए सामूहिक जातीय स्मृतियों के ठंडे अंगारों पर पेट्रोल छिड़कना आसान भी हो रहा है। (हि. ध., प्र. जो., पृ. 199)