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भारतवाणी
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भारतीय भाषाक माध्यम सँ ज्ञान
Bharatavani

बेर-बेर पुछल जाइ बला प्रश्न

भारतवाणी कि  अछि? एहि परियोजनाक पाछू दर्शन कि अछि?

  • भारतवाणी एक परियोजना अछि, जकर उद्देश्य मल्टीमिडिया (पाठ, श्रव्य, दृश्य आ छवि)क उपयोग करैत भारतक सभ भाषाओँक बारेमे आ भारतीय भाषाओँमे उपलब्ध ज्ञानकेँ एक पोर्टल (वेबसाइट) पर उपलब्ध करैबाक अछि। ई पोर्टल समावेशी, संवादात्मक, आओर गतिशील होएत। मूल उद्देश्य अछि डिजिटल भारतक एहि युगमे, भारतकेँ एक ओपन ज्ञान (मुक्‍त ज्ञान) समाज बनेबाक लेल अछि।

भारतवाणी ज्ञान पोर्टलक लाभार्थी के होएत?

  • भारतवाणीक उपयोग विभिन्न सामाजिक, आर्थिक आ शैक्षणिक (औपचारिक आ अनौपचारिक) पृष्‍ठभूमिक तथा सभ आयु वर्गक लोग कए सकैत अछि।

भारतवाणीक लेल सामग्रीक संकलन कोना काएल जाएत?

  • भारतवाणी भारतक सभ सरकारी आ गैरसरकारी संस्थाओँ, शैक्षणिक संस्थानोँ, शैक्षणिक वोर्ड, पाठ्य-पुस्तकोँसँ संबंधित निदेशालयोँ, विश्‍वविद्यालयोँ, अकादमी आ प्रकाशन गृहोँ आदिसँ ज्ञान सामग्रीक संकलन मल्टीमिडियाक रूपमे सभ सूचीबद्ध भाषाओँमे करत।
  • भारतवाणी व्यक्‍तिगत संस्थाओँसँ सेहो आग्रह करत कि अनवरत ऑनलाइन उपयोगक लेल ओ अपन समग्रीकेँ साझा करू।
  • समग्रीक संकलन आ प्राथमिकता निर्धारणकेँ अनुमोदनार्थ प्रस्तुत कएल जाएत। संपादकीय समिति द्वारा प्रस्तुत सिफारिशोँ पर सलाहकार समिति द्वारा अंतिम निर्णय लेल जाएत।
  • भारतवाणीक ध्येय ज्ञान सामग्री प्रकाशित करब अछि। संगहि सलाहकार समिति द्वारा विशिष्‍ट मापदंडोँक आधार पर कथेतर (नॉन-फिक्शन) साहित्यकेँ सेहो प्रकाशित करत।

भारतवाणी सामग्रीक गुणवत्ता कोना सुनिश्‍चित करत?

  • भारतवाणी समाग्री प्रकाशनक शुरुआतक विषयमे विशेषज्ञोँ द्वारा निर्मित सामग्री तथा प्रतिष्‍ठित संस्थानोँ द्वारा प्रकाशित सामग्रीसँ करत। एहि क्रममे सर्वप्रथम भारतीय भाषा संस्थान द्वारा प्रकाशित सामग्रीकेँ लेल जाएत।
  • नव सृजित सामग्रीक प्रकाशनक संदर्भमे भारतवाणी द्वारा प्रत्येक भाषाक लेल सृजित संपादकीय समिति द्वारा निर्णय लेल जाएत।
  • सभ प्रकारक गलतीसँ मुक्‍त सामग्रीक प्रकाशनक लेल एक तंत्र स्थापित कैल जाएत।

कि भारतवाणी भाषासँ संबंधित सूचना प्रद्योगिकी उपकरणोँकेँ प्रकाशित करत?

  • भारतवाणी, भारतीय भाषाओँक लेल उपलब्ध आ अद्यतित आईटी उपकरणोँकेँ प्रदर्शित करबाक लेल एक मंच प्रदान करत। ई संचार मंत्रालय आ सूचना प्रौद्योगिकी (एमसीआईटी)क संग समन्वय स्थापित करत, जे अपन विभिन्न एजेँसियोँ तथा— टीडीआईएल आदिक माध्यमसँ एहन उपकरणोँक विकासमे संलग्न अछि। भाषासँ संबंधित विभिन्न उपकरणोँ यथा— फॉन्ट, सॉफ्टवेयर, टंकण उपकरण, मोबाइल एप्स, बहुभाषी अनुवाद उपकरण, पाठसँ वाक् आ वाक्‌सँ पाठ आदिकेँ उपलब्ध कराओल जाएत।

वृहद पैमाना पर समाजक लेल भारतवाणीक कि लाभ अछि?

  • भारतवाणी, भारतीय भाषाओँ / मातृ भाषाओँकेँ बृहद पैमाना  उपलब्ध कराओत, जकर परिणाम स्वरूप युवा पीढ़ी अपन सभ ऑनलाइन गतिविधियोँ यथा— ब्लागिंग, सामाजिक मीडिया, अध्ययन आदिक लेल मातृभाषाक प्रयोग करबाक लेल प्रोत्साहित्य होएत।
  • भारतवाणी लुप्तप्राय, गौण, अल्पसंख्यक आ जनजाति भाषा / मातृभाषा सभकेँ साइबरस्पेशमे विशिष्ट स्थान उपलब्ध कराओत।
  • प्राय: सभ भारतीय भाषा / मातृभाषा लग धरि अपन उपस्थितिक द्वारा भारतवाणी निरपवाद रूपेँ सुदूर क्षेत्रधरि पहुँचि आओर सांस्कृतिक जागरूकता ओ अनुकूलताकेँ बढ़बैत भारतक सभ समुदायक सङ सम्पर्क करत।

सरकारी सूचनाओँकेँ प्रकाशित करत कि भारतवाणी?

  • भारतवाणी प्रयोजनाक, कृषि, व्यापार, शिक्षा, सामाजिक क्षेत्र, समय पर सेवा प्रदान करए वाला आ अन्य महत्वपूर्ण / आवश्यक पोर्टलसँ संबंध होएत, जाहिसँ सभ नागरिकोँकेँ एके पोर्टल पर ज्ञान आ सूचनाक प्राप्‍ति होएत।

भारतवाणीमे कोनकोन भाषाओँकेँ सम्मिलित कैल गेल अछि?

  • पहिल वर्षमे 22 अनुसूचित भाषाओँ (असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, कश्‍मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मैथिली, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संताली, सिंधी, तमिल, तेलगू, आ उर्दू)केँ सम्मिलित कैल जाएत। ओकर बाद अन्य भाषाओँकेँ चरणबद्ध रूपसँ सम्मिलित कैल जाएत।

भारतवाणीक वास्तविक लक्ष्य कि छैक? सामग्री कोन प्रकारक छैक जे कि भारतवाणीमे प्रकाशित कएल जाए रहल अछि?

  • भारतवाणी अपन परिचालनक पहिल आ दोसर वर्षमे प्राथमिकताक आधारपर विषयसँ सम्बन्धित ज्ञान सामग्रीकेँ विकसित कए उपस्थित करत। तकर बाद, अगिला पाँच वर्षक लेल प्रत्येक भाषा / मातृभाषासँ सम्बन्धित विशिष्ट सामग्रीक निर्माणक लक्ष्य निर्धारित कएल जाएत। प्रारम्भमे विभिन्न भाषासभमे सहजतासँ उपलब्ध सामग्रीकेँ प्रकाशित करबाक प्रयास कएल जाएत।
  • भारतवाणी निम्नलिखित कार्योँक निर्वहन करत
  1. भाषा आ साहित्यक प्रलेखन डिजिटल आ इलेक्ट्रानिक स्वरूपमे तैयार करब
  2. लिपि तैयार करब आ ओकर नामांकन करब, टाइपोग्राफी कोड
  3. शब्दकोशोँ आ शब्दावलियोँक निर्माण
  4. साहित्य (लिखित आ मौखिक) वा ज्ञान ग्रंथोँक आधुनिक आ शास्‍त्रीय भाषाओँमे अनुवाद
  5. ऑनलाइन भाषा शिक्षण, अधिगम वा भाषा शिक्षक प्रशिक्षण प्रदान करत वा प्रमाण-पत्र देत तथा सतत, व्यापक मूल्यांकन सहित ऑनलाइन भाषा प्रशिक्षण आ मूल्यांकन पर सेहो ध्यान देत

कि भारतवाणीमे प्रकाशित समग्रीक निःशुल्क उपयोग कैल जा सकैत अछि? भारतवाणीमे समग्रीक कॉपीराइट कोना सुरक्षित कैल जाएत?

  • भारतवाणी, आम नागरिक. विशेष रूपसँ भारतीय नागरिकोँक संग ज्ञान बाँटबाक उद्देश्यसँ निर्मित नव युगक एक पोर्टल अछि। अतः भारतवाणी पोर्टल पर उपलब्ध सभ सामग्रीकेँ शैक्षिक आ अनुसंधान प्रयोजनोँक लेल निःशुल्क उपयोगक कएल जा सकैत अछि।
  • पोर्टल, भारतीय कॉपीराइट अधिनियम 1957क पालन करैत अछि, जे किछु एहन गतिविधियोँक अनुमति दैत अछि धारा 52क तहत कॉपीराइटक उल्लंघनक अन्तर्गत नहि अबैत अछि।

कि निजी संस्थानोँ आ व्यक्‍तियोँ द्वारा भारतवाणीक लेल योगदान कैल जा सकैत अछि? कि भारतवाणी द्वारा समग्रीक लेल मानदेयक भुगतान कैल जाएत?

  • हँ। ओ अपन मौलिक कथेतर साहित्य (नॉन-फिक्शन) / ज्ञान सामग्रीक निःशुल्क सार्वजनिक उपयोगक लेल योगदान कए सकैत अछि। लेखकक अधिकार हुनक योगदानक लेल देल जाएत। एहि प्रकारेँ उपलब्ध सामग्रीक स्वीकृति संपादकीय समितिक अनुमोदनक अधीन होएत।
  • भारतवाणी मातृभाषामे सामग्री प्रस्तुत करबाक लेल ऑनलाइन उपकरण उपलब्ध कराओत।
  • सामग्रीक सतत उपयोगक लेल मानदेयक दरोँक निर्धारण सलाहकार समिति द्वारा कैल जाएत, जे मौलिक सामग्रीक लेल निर्धारित वित्त्त, सामग्रीक मौलिकता आ ओकर विशिष्‍टता पर निर्भर करत।

शारीरिकरूपसँ विकलांग लोगोँक लेल भारतवाणी कोना सुलभ होएत?

  • भारतवाणी, पोर्टल विकसित करबामे भारत सरकारक दिशा-निर्देशोँक संग-संग अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मापदंडोँक सेहो अनुपालन करत।
  • भारतवाणी, निःशुल्क रूपमे पाठसँ वाक्‌क सुविधाकेँ, उपलब्ध भाषाओँमे प्रदान करत ताकि नेत्रहीन लोगोँ द्वारा सेहो वेबसाइट सामग्रीक उपयोग सहजतापूर्वक कए सकै।

जँ केओ भारतवाणीक सूचना चोरबैछ तँ कि होएत?

  • भारतवाणी सामान्य रूपेँ जनतापर विश्वास करैछ। भारतवाणीक सामग्रीसँ कोनो तरहक साहित्यिक-चोरी, दुरुपयोग भेलापर तुरन्त हमर संज्ञानमे आनल जाएत। भारतवाणी सामग्रीसँ सिखबाक ओ भाषाकेँ विस्तार देबाक हेतुएँ प्रोत्साहित करैछ, जे कि भारतक भाषायी समृद्धि ओ सांस्कृतिक विरासतक संरक्षणमे सहयोग करैछ।

भारतवाणीक प्रशासनिक संरचना कि अछि?

  • भारतवाणीक परिचालन होइछ
  1. प्रख्यात भाषावैज्ञानिक ओ भाषायी विशेषज्ञक एक गोट राष्ट्रीय सलाहकार समिति।
  2. एक गोट तकनीकी सलाहकार समिति, जे कि पोर्टल आ भाषायी उपकरणक तकनीकी पहलूपर मार्गदर्शन करत।
  3. भारतवाणी हेतु सामग्री एकत्रित करबाक लेल भाषाजन्य सम्पादकीय समिति।

भारतवाणीक परिचालन कतएसँ होइत अछि?

  • भारतवाणीक परिचालन भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर (कर्नाटक)क परिसरसँ होइत अछि

 पत्रव्यवहारक पता

 भारतवाणी परियोजना
 भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआईएल)
मानस गंगोत्री, हुन्सुर रोड, मैसूर 570,006
दूरवाणी: + 91-821-2515820 (निदेशक)
स्वागत-कक्ष(रिसेप्शन) / PABX: + 91-821-2345000
फैक्स: + 91-821-2515032 (कार्यालय)
परियोजना ई-मेल: bharatavaniproject@gmail.com

भारतवाणी परियोजना से संबंधित जनसूचना

भारतवाणी क्या है? इस परियोजना का मंतव्य क्या है?
• भारतवाणी एक परियोजना है, जिसका उद्देश्य मल्टीमीडिया (पाठ, श्रव्य, दृश्य एवं छवि) का उपयोग करते हुए भारत की समस्त भाषाओं के बारे में एवं भारतीय भाषाओं में उपलब्ध ज्ञान को एक पोर्टल (वेबसाइट) पर उपलब्ध कराना है। यह पोर्टल समावेशी, संवादात्मक और गतिशील होगा। इसका मूल उद्देश्य है डिजिटल भारत के इस युग में भारत को मुक्त ज्ञान समाज बनाना।

भारतवाणी ज्ञान पोर्टल के लाभार्थी कौन होंगे?
• भारतवाणी का उपयोग विभिन्न सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक (औपचारिक एवं अनौपचारिक) पृष्ठभूमि तथा सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं।

भारतवाणी के लिए सामग्री का संकलन कैसे किया जायेगा?
• भारतवाणी का उपयोग विभिन्न सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक (औपचारिक एवं अनौपचारिक) पृष्ठभूमि तथा सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं।

भारतवाणी के लिए सामग्री का संकलन कैसे किया जायेगा?
• भारतवाणी भारत के समस्त सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों, शैक्षणिक बोर्ड, पाठ्य-पुस्तकों से संबंधित निदेशालयों, विश्वविद्यालयों, आकादमी एवं प्रकाशन गृहों आदि से ज्ञान सामग्री का संकलन मल्टीमीडिया के रूप में समस्त सूचीबद्ध भाषाओं में करेगी।
• भारतवाणी व्यक्तिगत संस्थाओं से भी आग्रह करेगी कि अनवरत ऑनलाइन उपयोग के लिए वे अपनी सामग्री को साझा करें।
• सामग्री संकलन और प्राथमिकता निर्धारण को अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाएगा। संपादकीय समिति द्वारा प्रस्तुत सिफारिशों पर सलाहकार समिति द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
• भारतवाणी का ध्येय ज्ञान सामग्री को प्रकाशित करना है। इसके साथ ही सलाहकार समिति द्वारा विशिष्ट मापदंडों के आधार पर चयनित कथेतर साहित्य को भी प्रकाशित करना है।

भारतवाणी सामग्री की गुणवत्ता कैसे सुनिश्चित करेगी?
• भारतवाणी सामग्री प्रकाशन की शुरुआत विषय विशेषज्ञों द्वारा रचित सामग्री तथा प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा प्रकाशित सामग्री से करेगी। इस क्रम में सर्वप्रथम भारतीय भाषा संस्थान द्वारा प्रकाशित सामग्रियों को लिया जाएगा।
• नव-सृजित सामग्री के प्रकाशन के संदर्भ में भारतवाणी द्वारा प्रत्येक भाषा के लिए गठित संपादकीय समिति द्वारा निर्णय लिया जाएगा।
• त्रुटि रहित सामग्री के प्रकाशन हेतु एक व्यवस्थित तंत्र स्थापित किया जाएगा।

क्या भारतवाणी भाषा से संबंधित सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों को सार्वजनिक करेगी?
• भारतवाणी, भारतीय भाषाओं के लिए उपलब्ध एवं अद्यतित आई.टी. उपकरणों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी जो संचार मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी (एम.सी.आई.टी.) के साथ समन्वय स्थापित करेगी, जो अपनी विभिन्न एजेंसियों यथा- टी.डी.आई.एल. आदि के माध्यम से ऐसे उपकरणों के विकास में संलग्न हैं। भाषा से संबंधित विभिन्न उपकरणों यथा- फॉन्ट, सॉफ्टवेयर, टंकण उपकरण, मोबाइल एप्स, बहुभाषी अनुवाद उपकरण, पाठ से वाक् एवं वाक् से पाठ आदि उपलब्ध कराए जाएँगे।

बृहद पैमाने पर समाज के लिए भारतवाणी से क्या लाभ हैं?
• भारतवाणी, भारतीय भाषाओं/मातृभाषाओं को बृहद पैमाने पर उपलब्ध कराएगी, जिसके परिणाम-स्वरूप युवा पीढ़ी अपनी सभी ऑनलाइन गतिविधियों यथा- ब्लागिंग, सामाजिक मीडिया और अध्ययन आदि के लिए मातृभाषा का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित होगी।
• भारतवाणी, लुप्तप्राय भाषाओं,अल्पसंख्यक भाषाओं एवं जनजातीय भाषाओं/मातृभाषाओं को साइबर स्पेस में महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगी।
• भारतवाणी, भारत की लगभग सभी भाषाओं/मातृभाषाओं के साथ-साथ भारत के सभी समुदायों के साथ संपर्क स्थापित करने, दूर-दराज़ के क्षेत्रों तक पहुँचने और सांस्कृतिक जागरूकता और समझ को बढ़ावा देने का कार्य करेगी।

क्या भारतवाणी सरकारी सूचनाओं को प्रकाशित करेगी?
• भारतवाणी परियोजना का कृषि, व्यापार, शिक्षा, सामाजिक क्षेत्र, समय पर सेवाएँ प्रदान करने वाले एवं अन्य महत्वपूर्ण/आवश्यक पोर्टल से संबंध होगा, जिससे सभी नागरिकों को एक ही पोर्टल पर संबंधित ज्ञान और सूचनाओं की प्राप्ति होगी।

भारतवाणी में किन भाषाओं को सम्मिलित किया गया है?
• भारतवाणी परियोजना के अंतर्गत २२ अनुसूचित भाषाओं सहित १०० से अधिक भाषाओं को शामिल किया गया है।

भारतवाणी का ठोस लक्ष्य क्या है? भारतवाणी में प्रकाशित सामग्री किस प्रकार की होगी?
• भारतवाणी अपने परिचालन के पहले और दूसरे वर्ष में प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित विषयों से संबंधित ज्ञान सामग्री का सृजन करेगी। तदोपरांत अगले पाँच वर्षों के लिए प्रत्येक भाषा/मातृभाषा से संबंधित विशिष्ट सामग्री के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया है। प्रारंभ में विभिन्न भाषाओं में सहजता से उपलब्ध सामग्रियों को प्रकाशित करने का प्रयास किया जाएगा।

भारतवाणी निम्नांकित कार्यों को करेगी
१. भाषा और साहित्य का प्रलेखन डिजिटल और इलेक्ट्रानिक स्वरूप में तैयार करना
२. लिपि और उसका नामांकन तथा टाइपोग्राफी कोड तैयार करना
३. शब्दकोशों और शब्दावलियों का निर्माण करना
४. मौखिक एवं लिखित साहित्य तथा ज्ञान ग्रंथों का आधुनिक और शास्त्रीय भाषाओं में अनुवाद करना
५. ऑनलाइन भाषा शिक्षण, अधिगमएवं भाषा शिक्षक हेतु प्रशिक्षण प्रदान करना, प्रमाणपत्र देगा तथा सतत, व्यापक मूल्यांकन सहित ऑनलाइन भाषा परीक्षण और मूल्यांकन पर ध्यान देगा।

क्या भारतवाणी में प्रकाशित सामग्री का निःशुल्क उपयोग किया जा सकता है? भारतवाणी में सामग्री का कॉपीराइट कैसे सुरक्षित किया जाएगा?
• भारतवाणी, आम नागरिक, विशेष रूप से भारतीय नागरिकों के साथ ज्ञान साझा करने के उद्देश्य से निर्मित आधुनिक युग का एक पोर्टल है, अतः भारतवाणी पोर्टल पर उपलब्ध समस्त सामग्री को शैक्षणिक और अनुसंधान प्रयोजनों के लिए निःशुल्क उपयोग में लाया जा सकता है।
• भारतवाणी पोर्टल, भारतीय कॉपीराइट (संशोधन) अधिनियम २०१२ के अनुसार केवल ऐसी गतिविधियों की अनुमति देता है जो धारा ५२ के तहत कॉपीराइट उल्लंघन के अंतर्गत नहीं आते हैं।

क्या निजी संस्थानों और व्यक्तियों द्वारा भारतवाणी के लिए योगदान किया जा सकता है? क्या भारतवाणी द्वारा ऐसी सामग्रीयों के लिए मानदेय का भुगतान किया जायेगा?
• हाँ। मौलिक कथेतर साहित्य/ज्ञान सामग्री के निःशुल्क सार्वजनिक उपयोग के लिए योगदान किया जा सकता है। लेखकों के योगदान के लिए उन्हें श्रेय दिया जाएगा। इस प्रकार की सामग्री की स्वीकृति संपादकीय समिति के अनुमोदनाधीन होगी।
• ऐसी प्रदत्त सामग्रीयों को मातृभाषा में प्रस्तुत करने के लिए भारतवाणी ऑनलाइन उपकरण उपलब्ध करायेगी।
• सामग्री के सतत उपयोग के लिए मानदेय के दरों का निर्धारण सलाहकार समिति द्वारा किया जाएगा, जो मौलिक सामग्री के लिए निर्धारित वित्त, सामग्री की मौलिकता और उसकी विशिष्टता पर निर्भर करेगा।

शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए भारतवाणी कैसे सुलभ होगी?
• भारतवाणी, पोर्टल विकसित करने में भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मापदंड़ो का भी अनुपालन करेगी।
• भारतवाणी, निःशुल्क रूप में पाठ से वाक् की सुविधा को उपलब्ध भाषाओं में प्रदान कराएगी ताकि नेत्रहीन लोगों द्वारा भी वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्री का उपयोग किया जा सके।

यदि कोई भारतवाणी पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी/सूचना का दुरुपयोग कर रहा है, तो क्या होगा?
• भारतवाणी साधारणतः नागरिकों पर विश्वास करती है। इस पर उपलब्ध सामग्री की यदि कोई नकल करता है या सामग्री का दुरुपयोग करता है तो उसे तुरंत हमारे ध्यान में लाया जा सकता है। भारतवाणी, भाषाओं को सीखने और प्रसारित करने के लिए, जो भारतीय समाज की समृद्ध विरासत के संरक्षण में सहयोगी होगा, प्रोत्साहित करती है।

भारतवाणी की प्रशासनिक संरचना क्या है?
• भारतवाणी का परिचालनः
१. प्रख्यात भाषावैज्ञानिकों एवं विषय विशेषज्ञों की एक राष्ट्रीय सलाहकार समिति के द्वारा होता है।
२. पोर्टल और भाषा उपकरणों के तकनीकी पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रौद्योगिकी सलाहकार समिति के द्वारा प्रदान किया जाएगा।
३. भारतवाणी हेतु सामग्री संकलन के लिए भाषावार संपादकीयसमितियों का गठन किया गया है।

भारतवाणी का परिचालन कहाँ से होता है?
• भारतवाणी का परिचालन भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर (कर्नाटक) के परिसर से होता है।

पत्र-व्यवहार का पता

भारतवाणी परियोजना

भारतीय भाषा संस्थान
मानसगंगोत्री, हुणसूर मार्ग, मैसूरू –५७०००६
दूरवाणी:+९१-८२१-२५१५८१० (निदेशक)
स्वागत-कक्ष/PABX : +९१-८२१-२३४५०००
फ़ैक्स:+९१-८२१-२५१५०३२ (कार्यालय)
परियोजना का ई-मेल:bharatavaniproject@gmail.com

Frequently Asked Questions

What is Bharatavani? What is the philosophy behind the project?

  • Bharatavani is a project with an objective of delivering knowledge in and about all the languages in India using multimedia (i.e., text, audio, video, images) formats through a portal (website). This portal would be all inclusive, interactive, dynamic and moderated. The idea is to make India a Open Knowledge Society, in the era of Digital India.

Who are the beneficiaries of Bharatavani knowledge portal?

  • Bharatavani will be accessible to all sections of society irrespective of age, gender, income, background, education (formal and informal) etc.

How the content is aggregated for Bharatavani?

  • Bharatavani collects knowledge content in all the enlisted languages in multimedia formats from all the Government and Non-Governmental Institutions, Educational Institutions, Board of Education, Directorate of textbooks, Universities, Academies, Publication Houses etc.
  • Bharatavani will also request private Institutions to share their content for perpetual online usage.
  • The approval process of prioritization and selection of content will be put in place. The recommendations by the editorial committee will be finally decided by the Advisory Committee.
  • The focus of Bharatavani is to publish knowledge content. But it will also publish representative non-fiction content based on specific criteria to be decided by the Advisory Committee.

How Bharatavani ensures the quality of the content?

  • Bharatavani will begin publishing content created by subject experts and also the content published by reputed institutions starting from the CIIL itself.
  • For the publication of newly generated content, Bharatavani will have editorial committee for each language.
  • All the mechanisms to publish error free content will be established.

Will Bharatavani publish language IT tools?

  • Bharatavani will provide a platform to showcase all the available, updated IT tools for Indian Languages. It will coordinate with the Ministry of Communication and IT (MCIT), which is developing such tools through its agencies like TDIL. Language tools such as fonts, software, typing tools, mobile apps, multi language translation tools, text to speech, speech to text etc. will be made available.

What are the benefits of Bharatavani to the society at large?

  • Bharatavani will make Indian languages/mother tongues visible on the Internet on a large scale, resulting in encouraging young generation to use their languages/mother tongues in all their online activities like blogging, social media, learning etc.
  • Bharatavani will provide endangered, minor, minority and tribal languages/mother tongue a prominent place in the cyber space.
  • By covering almost all Indian languages/mother tongue, Bharatavani will invariably connect with all the communities of India, reaching remote areas and promote cultural awareness and understanding.

Will Bharatavani publish Government information?

  • Bharatavani project will be cross linked to agriculture, business, education, social sector, timely delivery of services and other important/necessary portals so that all citizens get knowledge and information on a single portal.

Which are the languages included in Bharatavani as of now?

  • In the first year, 22 Scheduled languages (Assamese, Bengali, Bodo, Dogri, Gujarati, Hindi, Kannada, Kashmiri, Konkani, Malayalam, Manipuri, Maithili, Marathi, Nepali, Odia, Punjabi, Santali, Sanskrit, Sindhi, Tamil, Telugu and Urdu) will be covered. Thereafter, other languages will be covered in a phased manner.

What are the physical targets of Bharatavani? What are the types of content that are being published in Bharatavani?

  • Bharatavani will come out with a priority topic list for developing knowledge content for the first and second years of its operations. Thereafter, it will have specific content generation targets for each language/mother tongue for the next five years. Initially, it will strive to publish all the readily available content in different languages.
  • Bharatavani will work on the following tasks
  1. Documentation of languages and literatures in digital/electronic format.
  2. Formulating / designing scripts, typography codes.
  3. Preparation of dictionaries and glossaries.
  4. Translation of literary (both written and oral) and knowledge texts in modern and classical languages.
  5. Online language teaching, learning and language teacher training with certification shall be provided, and also, online language testing and evaluation which would include continuous, comprehensive evaluation would also be taken care of.

Will the content published in Bharatavani be accessed freely? How the copyright of the content in Bharatavani would be protected?

  • Bharatavani is a new age portal with an objective of sharing knowledge with the public, particularly Indian citizens. So all the content that is available on Bharatavani portal will be free for usage for educational and research purposes.
  • The portal abides by the Copyright (Amendment) Act, 2012, which allows certain activities as non-infringement of copyrights under Section 52.

Can private institutions and individuals contribute to Bharatavani? Will Bharatavani pay an honorarium for the content?

  • They can offer their originally created non-fiction/ knowledge content for free public usage. Author attributions will be given for their contribution. Acceptance of such materials is subject to the approval of the editorial committee.
  • Bharatavani will deploy online tools to enable content submissions in your language/mother tongue.
  • Honorarium rates for the perpetual usage of the content will be decided by the National Advisory Committee, based on the funding of the original content, originality and exclusivity of the content.

How Bharatavani is made accessible for Physically Challenged?

  • Bharatavani will follow the guidelines of Government of India in developing the portal, apart from following internationally accepted accessibility criteria.
  • Bharatavani will incorporate free Text to Speech utility for available languages so that the website content is read out for the visually challenged.

What happens if somebody steals the information from Bharatavani?

  • Bharatavani trusts the public in general. Any plagiarism, wrongful usage based out of Bharatavani content could be brought to our notice immediately. Bharatavani encourages usage of its content to learn and spread the languages, which help in preserving the rich linguistic and cultural heritage of India.

What is the administrative structure of Bharatavani?

  • Bharatavani is run by
  1. A National Advisory Committee comprising of eminent Linguists and knowledge experts.
  2. A Technology Advisory Committee which will guide on the technological aspects of the portal and the language tools.
  3. Language-wise Editorial Committees to aggregate content for Bharatavani.

Where is Bharatavani located?

  • Bharatavani is located inside the campus of CIIL, in Mysuru, Karnataka.
  • Postal address:
    Bharatavani Project
    Central Institute of Indian Languages (CIIL)
    Manasagangotri, Hunsur Road, Mysuru 570006
    Tel: +91-821-2515820 (Director)
    Reception/PABX : +91-821-2345000
    Fax: +91-821-2515032 (Off)
    Email: bharatavaniproject@gmail.com

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