(संस्कृत का पारिभाषिक शब्द) घोषत्व अथवा सुर का मंद होना। यह स्थिति स्वर का उच्चारण आघात सहित करते समय होती है।
abhinidhāna (close contact)
अभिनिधान
(संस्कृत का पारिभाषिक शब्द) व्यंजन का स्फोटरहित उच्चारण
टिप्पणी: स्पर्श व्यंजनों के द्वित्व की प्रक्रिया में प्रयुक्त होने वाले व्यंजनगुच्छ का पहला आस्थापित (स्फोटरहित) सदस्य। स्फोटरहित स्थिति में व्यंजन सुनने को दृष्टि से अस्पष्ट और क्षीण रहते हैं। बाद के प्रातिशाख्यों में इस गुण के आधार पर उन स्फोटरहित स्वनों को भी अभिनिधान के अंतर्गत मान लिया गया। जो विराम के पूर्व अथवा पदांत में आते हैं। दे. āsthāpita.
abhivyādāna (absorption of a vowel)
अभिव्यादान
(संस्कृत का पारिभाषिक शब्द) दो समान दीर्घ स्वरों के साथ-साथ आने पर उनमें से एक का अंतर्भाव जैसे-अवसा + आ > अवसा। (विपुलं विशालं वा आदानं व्यादानम्। अभिव्याप्तं अभिभूतं व्यादानं अभिव्यादानम्)।
ābhyantara prayatna (intrabuccal process/effort)
आभ्यंतर प्रयत्न
(संस्कृत का पारिभाषिक शब्द) प्रयत्न का एक भेद। मुखविवर में ओंठों से काकल तक किसी भी स्थान पर किया गया प्रयत्न। इसके चार भेद हैं- स्पृष्टता (जैसे, क् में), ईषत्स्पृषटता (जैसे, य् में) संवृतता (जैसे, स्, श् में) तथा विवृतता (जैसे, अ, इ, उ में)।
पाणिनि ने इसे आस्य प्रयत्न भी कहा है।
ablaut (=apophony/vowel gradation)
अवश्रुति
पदगत स्वरों का व्यवस्थित क्रम-परिवर्तन। इस प्रकार का परिवर्तन भारोपीय भाषाओं में मिलता हे जो काल, वचन आदि भेद उतपन्न करता है। उदाहरणार्थ- संस्कृत के पठति, पठत: आदि से वचन-परिवर्तन का और अंग्रेजी के run, ran से काल-परिवर्तन का बोध होता है।
अवश्रुति के दो भेद हैं - (1) गुणात्मक अवश्रुति, तथा (2) मात्रात्मक अवश्रुति। दे. qualitative gradation और quantitative gradation.
abnormal vowel
अपसामान्य स्वर
मुख्य मान स्वरों से इतर गौण तथा उपगौण मान स्वर।दे. cardinal vowel (s), secondary cardinal vowel (s), tertiary cardinal vowel (s).
abrupt (continuant)
स्फोटी (प्रवाही)
(ध्वानिक विवरण) विस्तृत आवृति पर ऊर्जा के प्रसार की पूर्ववर्ती और/ या पश्चवर्ती निस्तब्धता (कम-से-कम घोषतंत्री के कंपन पर आवृत्ति-क्षेत्र में) जो स्वर-फार्मेन्ट की लहर या तत्काल अंतरण के रूप में होती है (स्वन और निस्तबधता के बीच तत्काल अंतरण का अभाव)।
(उच्चारणात्मक विवरण) वह अभिलक्षण जो स्पर्शों से प्रवाही स्वनों का भेद करने वाले वाक-पथ के क्षिप्र संवार और/या क्षिप्र विवार के माध्यम से स्रोत के त्वरित खुलने या बंद होने से या एक अथवा एकाधिक ताड़नों से जो उत्क्षिप्त या कंपित (r) जैसे स्फोटी तरलों का पार्श्विक (1) जैसे प्रवाही तरलों से विभेद दिखाता है। इस प्रक्रिया से उतपन्न स्वन स्फोटी (प्रवाही) कहलाता है।
absolute duration
निरपेक्ष (काल) मात्रा
स्वन विशेष के उच्चारण में लगे समय की मात्रा। उदाहरणार्थ-स्वन (i)की मात्रा के लिए जब यह कहा जाता है कि वह 14 सेंटी सेकेंड है तब वह निरपेक्ष मात्रा कहलाती है। दे. duration, relative duration.
abutting consonant
सहर्वितत व्यंजन
वह व्यंजन जिसका रूप अपने परवर्ती अथवा पूर्ववर्ती व्यंजन के प्रभाव स्वरूप किंचित् परिवर्तित हो गया है। इस परिवर्तन में न तो आंशिक या पूर्ण समीकरण होगा न द्वित्व। उदाहरणार्थ-`मत दौड़` में (त्द्) या a pair of hip boots में (pb) का उच्चारण।
accent
आघात
उच्चारण में किसी अक्षर, शब्द, पदबंध, वाक्य आदि भाषिक इकाइयों पर दिया जाने वाला बलाघात या स्वराघात। आघात स्वराघात और बलाघात के लिए समावेशी पारिभाषिक शब्द है।
वाक्य संरचना का सार्थक अंग होने पर आघात अनुतान कहलाता है। दे. intonation.
टिप्पणी: संस्कृत में आघात की संकल्पना स्वराघात तक सीमित है और उसके तीन भेद किए गए हैं- उदात्त, अनुदात्त और स्वरित। इनके संबंध को क्रमश: तीन आघात-चिन्हों से दिखाया जाता है।