एवमस्तु, अनुज्ञप्ति
`ऐसा हो जाए`; का लैटिन रूपान्तर, जिसके (ईश्वर या किसी दैवी-शक्ति-संपन्न पुरूष द्वारा) उच्चारण मात्र से इष्ट वस्तु की सृष्टि हो जाने की बात मानी जाती है। ईश्वर के उच्चारण मात्र से सृष्टि का उत्पन्न होना।
Fiction
कल्पितार्थ, कल्पना
मन के द्वारा निर्मित कोई रचना जिसकी संगति में संसार में कोई वस्तु उपलब्ध न हो। बट्रेण्ड रसल ने अपनी रचनाओं में भौतिक वस्तुओं को तार्किक निर्मितियाँ (logical constructions) एवं आत्माओं को तार्किक गल्प (logicl fiction) के नाम से अभिहित किया है। इन निर्मितियों एवं गल्पों को भी कल्पना का नाम दिया जा सकता है।
Fictionalism (Fictionism)
कल्पनावाद
विशेषतः जर्मन दार्शनिक हान्स वैहिंगर (Hans Vaihinger) द्वारा प्रस्तावित वह मत कि विज्ञान, गणित, दर्शन और धर्म के मूल संप्रत्यय शुद्ध कल्पनाएँ हैं, पर फिर भी व्यवहार में उनकी उपयोगिता है।
Fiction Of Mean Values
मध्यमान-कल्पितार्थ
औसत का संप्रत्यय जो कि वास्तविक न होते हुए भी गणना करने में उपयोगी होता है। जैसे : औसत आयु, यदि चार लड़के क्रमशः 12, 14, 18 और 10 वर्ष के हैं तो उनकी औसत आयु 13-½ वर्ष की है, जबकी उनमें से कोई भी वस्तुतः इस आयु का नहीं है।
Fideism
आस्थावाद
वह सिद्धांत कि संपूर्ण ऊन का आधार आस्था है। देखिए `faith`।
Figurative Definition
आलंकारिक परिभाषा
वह दोषयुक्त परिभाषा जिसमें परिभाष्य पद की जाति और अवच्छेदक गुण बताने की अपेक्षा उपमा और रूपक का प्रयोग किया गया हो। जैसे : `ऊँट रेगिस्तान का जहाज है।`
Figure
आकृति
तर्कशास्त्र में, न्यायवाक्य का तीन पदों (साध्य, हेतु और पक्ष) की सापेक्ष स्थिति से निर्धारित रूप चार आकृतियाँ होती हैं। प्रथम आकृति में हेतु-पद साध्य-आधारवाक्य में उद्देश्य और पक्ष आधारवाक्य में विधेय होता है; द्वितीय आकृति में वह दोनों में विधेय होता है; तृतीय आकृति में वह दोनों में उद्देश्य होता है; और चतुर्थ आकृति में वह साध्य-आधारवाक्य में विधेय और पक्ष-आधारवाक्य में उद्देश्य होता है।
Figured Syllogism
साकृति न्यायवाक्य
एक निश्चित आकृति में व्यक्त न्यायवाक्य।
उदाहरण : सभी मनुष्य मरणशील हैं;
राम एक मनुष्य है;
∴ राम मरणशील है।
(प्रथम आकृति में व्यक्त एक न्यायवाक्य)
Final Cause
अन्तिम कारण
अरस्तू के द्वारा चार प्रकार के कारणों में से अन्तिम, जो कि किसी वस्तु की उत्पत्ति के पीछे उत्पादन-कर्ता का प्रयोजन या उद्देश्य होता है।
Finalism
प्रयोजनवाद
वह सिद्धांत कि भौतिक जगत् की उत्पत्ति और उसकी घटनाओं के मूल में कोई प्रयोजन होता है, तथा कुछ भी आकस्मिक या निष्प्रयोजन नहीं है।