1. सिनिकवाद - पाँचवी शताब्दी ईसा-पूर्व के यूनानी दार्शनिक एन्टिस्थिनीज़ का सिनिक सिद्धांत।
2. दोष-दर्शिता - व्यक्ति के प्रत्येक कर्म के पीछे कोई स्वार्थ या दोष देखना और इस कारणवश किसी अच्छे अभिप्राय से किये गये कर्म को भी संदेह की दृष्टि से देखना।
3. मानवद्वेष - मानव के प्रति घृणा।
Cyrenaicism
साइरेनेइकवाद
प्राचीन यूनानी दर्शन में एक विचारधारा जिसका जनक साइरीनी का ऐरिस्टिप्पस (aristippus) था। इसके अनुसार सुख की प्राप्ति ही जीवन का लक्ष्य है, शिक्षा, ज्ञान इत्यादि की आवश्यकता वहीं तक हैं जहाँ तक वे इच्छाओं की पूर्ति तथा सुख की प्राप्ति में सहायक होते हैं।