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Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VI)

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निस्संकोच
लज्जा या संकोचरहित।
वि.
[सं.]

निस्संतान
जिसके संतान न हो।
वि.
[सं.]

निस्संदेह
अवश्य, बेशक।
क्रि. वि.
[सं.]

निस्संदेह
जिसमें शक-संदेह न हो।
वि.

निस्संबल
जिसके ठौर-ठिकाना न हो।
वि.
[सं.]

निस्सरण
निकलने का मार्ग।
संज्ञा
[सं.]

निस्सरण
निकलने का भाव या कार्य।
संज्ञा
[सं.]

निस्सहाय
असहाय, निरवलंब।
वि.
[सं.]

निस्सरै
निकलता है, बाहर आता है।
उ.-जा बन की नृप इच्छा करैं। ताही द्वार होइ निस्सरै-४-१२।
क्रि. अ.
[हिं. निसरना]

निस्सार
गूदा या साररहित।
वि.
[सं.]


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