अर्थव्यवस्था की ऐसी स्थिति जिसमें दीर्घकाल तक पूँजी श्रम अनुपात में कोई परिवर्तन न हो या पूँजी की वृद्धि दर श्रम की वृद्धि दर से तीव्र हो।
जब अर्थव्यवस्था में संतुलन की प्रवृत्ति धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है और पूँजी तथा श्रम की वृद्धि की दर बराबर होने लगती है तब अपने आप ऐसी स्थिरता की स्थिति पैदा हो जाती है।
स्थायी (Steady) स्थिति में सभी संबंधित चरों की वृद्धि एक ही जैसी दर से होती है जबकि स्थिरता (Stationary) की स्थिति में सभी चर स्थिर रहते हैं या उनकी वृद्धि दर शून्य होती है।
स्थिरता की स्थिति सामान्य प्रकार की मानी जा सकती है और स्थायी स्थिति उसका एक विशेष रूप हैं।
तुल∘ दे∘ (Stagnation)
Statistic
प्रतिदर्शज
विचर के प्रतिदर्श बंटन के किसी पक्ष का वर्णन करने वाली संख्या प्रतिदर्शज कहलाती है।
प्रतिदर्श से संबंधित विभिन्न माध्यों या मापों को भी प्रतिदर्शज कहते हैं।
ये माध्य व संख्यात्मक माप प्रतिदर्शी से परिकलित किए जाते हैं और प्रतिचयन उच्चावपन के अधीन होते हैं।
किसी प्रतिदर्श का माध्य या मानक विचलन प्रतिदर्श कहलाता है जबकि समष्टि का माध्य या मानक विचलन प्राचल कहलाता है।
प्रतिदर्शज एक प्रकार से प्राचल का वह आकल होता है जो प्रतिदर्शज में से परिकलित किया जाता है।
Statistical hypohesis
सांख्यिकी परिकल्पना
सांख्यिकी परिकल्पना अनुमिति सिद्धांत की एक महत्वपूर्ण संकल्पना है।
यह केवल आँकड़ों से ही अवकलित या व्युत्पन्न न होकर अभिकथन की एक विशेष शैली होती है जिसमें सांख्यिकी खोज के आधार पर स्वतंत्र रूप से निष्कर्ष प्रस्तुत किए जाते हैं जो कि आम तौर पर आर्थिक सिद्धान्त में निहित तथ्य माने जाते हैं।
इस प्रकार की परिकल्पना करते समय हमें दो त्रुटियों से बचने का प्रयत्न करना चाहिए:
(1) सत्य या सही परिकल्पना को अस्वीकृत करना।
(2) असत्य या गलत परिकल्पना को अस्वीकार न करना।
ये दोनों प्रकार की त्रुटियाँ प्रायिकता अथवा विशिष्टता के स्तर पर निर्भर करती हैं।
Statistical inference
सांख्यिकीय अनुमिति
इस विधि का प्रयोग कुछ सीमित घटनाओं या पर्यवेक्षणों के आधार पर आगमनिक विधि द्वारा जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
इस विधि में हम कुछ अभिकथनों के समुच्चय से आरम्भ करके, जिसे हम प्रागानुभव या अनुभव-निरपेक्ष अथवा मॉडल या अनुरक्षित परिकल्पना कहते हैं और जिसे हम सही मानते हैं, अनुमिति की प्रक्रिया से आगे बढ़ते हैं तथा आँकड़ों का पर्यवेक्षण करते हैं और प्रायिकता सिद्धांत तथा अनुरक्षित परिकल्पना के अनुरूप अनुमान लगाने का कार्य करते हैं।
इसमें यह आवश्यक है कि हम आँकड़ों का चुनाव यादृच्छिक प्रक्रिया से करें।
Statistical significance
सांख्यिकीय सार्थकता
किसी परिकल्पना की सांख्यकीय सार्थकता से अभिप्राय उस प्रायिकता के प्रतिशत से है जो वास्तविक प्राचल मानों के किन्हीं सीमाओं के भीतर या बाहर होने के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
उदाहरण के लिए हम जानते हैं कि प्राचल के प्रतिदर्शज से बाहर जाने की प्रायिकता 0.0026 तथा प्रतिदर्शज ± 2 ⇚ से बाहर जाने की प्रायिकता 0.0455 होती है, अतः इस बात की सार्थकता क्रमशः 0.26 तथा 4.55 प्रतिशत होगी।
Statistics
सांख्यिकी
सांख्यिकी वह विज्ञान है जो सांख्यिकीय विधियों तथा किसी भी अन्वेषण में उनके अनुप्रयोग का अध्ययन करता है।
साख्यिकी के विज्ञान को दो विभागों में विभाजित किया जा सकता है:—
(i) सैद्धांतिक या गणितीय सांख्यकी तथा
(ii) अनुप्रयुक्त सांख्यिकी।
शुद्ध सांख्यिकी, सांख्यिकी की वह शाखा है जो व्यापक सिद्धान्तों, नियमों एवं विधियों से संबंधित है। इसमें सांख्यिकीय विधियाँ, सूत्र, समीकरण तथा उनकी व्युत्पन्नता सम्मिलित है। दूसरी ओर सांख्यिकी की वह शाखा जो अनुप्रयोगों का अध्ययन करती है, अनुप्रयुक्त सांख्यिकी कहलाती है। इसमें आर्थिक, व्यापारिक, सामाजिक तथा प्रशासनिक आँकड़ों का अध्ययन किया जाता है।
Stochastic difference equation
प्रसंभाव्य अंतर समीकरण
प्रथम कोटि का ऐसा अंतर समीकरण जिसका रूप निम्न प्रकार का होता है।
xt+1=axt+b+εt+1
इसमें εt यादृच्छिक चर
और a, b स्थिरांक है।
इस प्रकार के समीकरणों में यादृच्छिक चर का माध्य शून्य और प्रसरण σ^2 से कोई सहसंबंध नहीं होता और इनमें एक काल इकाई के पीछे केवल एक ही पश्चता होती है।
तुल∘ दे∘ Difference equation तथा Equation system
Stochastic model
प्रसंभाव्य मॉडल
समीकरणों का ऐसा सेट जिसमें कुछ यादृच्छिक चर या विचर शामिल होते हैं।
इस मॉडल में यादृच्छिक चरों का बंटन पूरी तरह से दिया हो सकता है अथवा नहीं भी दिया हो सकता है। इसमें विक्षोभों का बंटन निर्दिष्ट होने पर समीकरणों की प्रकृति संकुचित या प्रतिबंधित मानी जाती है।
प्रसंभाव्य मॉडल निर्धारित मॉडल से इस अर्थ में भिन्न है कि उसमें यादृच्छिक चर सम्मिलित होता है और प्राचलों को आकलित किया जाता है।
Stock concept
स्कंध संकल्पना
किसी चर का एक दत्त समय (Point of time) पर प्रभाव या संग्रह की मात्रा अथवा परिमाण