निवेश रोजगार, उपभोग अथवा कीमतों आदि के उतार-चढ़ाव में ऐसे अरैखिक चक्र जो अर्थव्यवस्था में अचानक परिवर्तनों के कारण पैदा होते हैं और समय-पथ पर आयाम को एक अवस्था से दूसरी अवस्था तक पहुँचाते हैं।
Replacement deliveries
प्रतिस्थापन सुपुर्दगी
आगत निर्गत विश्लेषण में अन्तर्क्षेत्रीय आधार पर वस्तुओं का आदान प्रदान।
अर्थव्यवस्था के एक क्षेत्रक द्वारा अपने कुल उत्पादन में से दूसरे क्षेत्रक द्वारा दी गई वस्तुओं सेवाओं के बदले में उसे अंतिम सुपुर्दगी के रूप में दी गई वस्तुएं।
इनके आधार पर अन्तःक्षेत्रीय निवेश की सारणियाँ बनाई जाती हैं और बाद में इनके आधार पर एक प्रसारित आगत-निर्गत सारणी बनाई जाती है।
एक ऐसी सारणी का नमूना नीचे दिया जाता है:—(TABLE)
उपर्युक्त सारणी में कुछ क्षेत्रों को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विशेष क्षेत्रों के कुल उत्पादन के लिए प्रयुक्त किए गए उत्पादन साधनों को बदलने (प्रतिस्थापन) के लिए उन्हें अन्य क्षेत्रों के उत्पाद की कुछ मात्रा का दिया जाना आवश्यक है। इस मात्रा को प्रतिस्थापन सुपुर्दगी कहा जाता है।
इसी प्रकार राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रकों को अलग-अलग क्षेत्रों द्वारा अपने उत्पादन साधनों का स्टॉक बढ़ाने के लिए जो मात्राएं अन्य क्षेत्रों द्वारा दी जाती हैं, उन्हें निवेश सुपुर्दगियाँ कहा जाता है।
Replacement index (J-ratio)
प्रतिस्थापन सूचकांक (जे-अनुपात)
प्रतिस्थापन सूचकांक मालूम करने के लिए हम निम्न लिखित दो अनुपातों की गणना करते है:—
(1) (प्रेक्षित जनसंख्या में 0-4 आयु के बच्चों की संख्या)/(15-44 आयु वर्ग की स्त्रियों की संख्या)
तथा
(2) (जीवन सारणी या स्थिर जनसंख्या में 0-4 आयु के बच्चों की संख्या)/(उसी सारणी में 15-44 आयु वर्ग की स्त्रियों की संख्या)
उक्त दोनों का अनुपात प्रतिस्थापन सूचकांक या J अनुपात कहलाता है।
प्रतिस्थापन दर में उपवास और आप्रावास के कारण होने वाले जनसंख्या के फेरबदल भी शामिल किए जाते हैं। इसलिए यह प्रजनन दर भिन्न होती है।
कभी-कभी J अनुपात 1वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए भी मालूम किया जाता है।
Reproduction rate
प्रजनन दर
जनांकिकी में दर का तात्पर्य परिवर्तन घटक है।
प्रजनन दर जनसंख्या में वृद्धि की एक घटक मानी जाती है।
अशोधित जन्म दर निकालने का सूत्र इस प्रकार है:—
अशोधित जन्म दर=(कुल जन्म)/(मध्य वर्ष की जनसंख्या)×1000
अशोधित मृत्यु दर निकालने का सूत्र इस प्रकार है:—
अशोधित मृत्यु दर=(कुल मृत्यु)/(मध्य वर्ष की जनसंख्या)×1000
प्रजनन दर के कारण जनसंख्या में होने वाला परिवर्तन जनसंख्या और मृत्यु संख्या के अंतर को मध्यवर्ष की जनसंख्या से भाग करके निकाला जाता है। शुद्ध प्रजनन दर (net reproduction ratio) वर्तमान प्रजनन दर व मृत्यु दर की अनुसूचियों के आधार पर जनसंख्या की दीर्घावधि वृद्धि को दर्शाती है।
यदि यह अनुपात 1होता है तो जनसंख्या केवल अपनी वर्तमान संख्या पर स्थिर मानी जाती है किन्तु यदि यह अनुपात 1से अधिक होता है तो उसे वर्धमान माना जाता है और यदि यह अनुपात 1से कम होता है तो उसे ह्रासमान माना जाता है।
Reproductive wastage
प्रजनन क्षय
प्रति 1000 जन्मों के पीछे मृत प्रसव या प्रति 1000 गर्भवती स्त्रियों में गर्भपात करने वाली स्त्रियों की संख्या। इन दोनों का परिमाप प्रजनन क्षय की दर को दर्शाता है।
मृत प्रसवों और गर्भपातों, चाहे ये प्राकृतिक हों या डाक्टरी या अन्य किसी ढंग से, की संख्या को क्षय माना जाता है।
परिवार नियोजन कार्यकर्ता इन सूचकांकों का प्रयोग प्रायः अपने मॉडलों में करते हैं।
Residual variation
अवशिष्ट विचरण
स्तंभ माध्यों और पंक्ति माध्यों के बीच विचरण के जोड़ और संपूर्ण विचरण के अंतर को अवशिष्ट विचरण की संज्ञा दी जाती है।
इसे शेष के रूप में निकाला जाता है। इसे ज्ञात करने का सूत्र इस प्रकार है:—
∑〖(x+x̅-x̅r-x̅c)〗^2
।
Respondent
उत्तरदाता
ऐसा व्यक्ति जो किसी सर्वेक्षण या आँकड़े एकत्रित करने के प्रयोजन से लिखित या मौखिक रूप से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देता है या कोई प्रश्नावली भर कर देता है।
Revenue function
संप्राप्ति फलन
फर्म को एक निश्चित उत्पादन की मात्रा से होने वाली आय या आमदनी का फलन।
यह फलन उत्पादन की मात्रा और संप्राप्तियों का संबंध बताता है।
किसी फर्म की औसत संप्राप्तियों का सामान्य फलन इस प्रकार होता है:—
AR=औसत संप्रप्तियां
Q=उत्पादन की मात्रा
AR = f(Q)
कुल संप्राप्ति फलन यों होता है:—
R≡AR.Q=f(Q).Q
सीमांत संप्राप्ति फलन यों होता है:—
MR≡dR/dQ=f(C+f,(Q)
Reverse flow (migration)
प्रतिवर्ती प्रवाह (प्रवसन)
प्रत्येक प्रवसन प्रवाह का कोई न कोई विपरीत अथवा उलटा या प्रतिवर्ती प्रवाह होता है।
प्रवसन का यह एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त है कि एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले लोगों का प्रवाह केवल एक ही दिशा में नहीं होता विपरीत दिशा में जाने वाले लोगों में ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं जो नए स्थान पर जाकर न खप सके हों या अपने आपको वहाँ पर ठीक से स्थिर न कर सके हों। ऐसे लोग नए क्षेत्र से पुराने क्षेत्र को वहाँ पर अर्जित पूँजी और नये शिल्पों को अपने साथ लेकर वापस जाते हैं।
इस प्रकार के प्रवाह के कई कारण हो सकते हैं: भौगोलिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक या आर्थिक।
Reverse survival ratio method
प्रतिलोभ उत्तरजीविता विधि
ऐसी विधि जिसके द्वारा यह मालूम किया जाता है कि 0-4 और 5-9 वर्ष की आयु के बीच बच्चों की संख्या 5 वर्ष तक की आयु वाले अथवा जनगणनों में 5-10 वर्ष की आयु वर्ष में दिखाये गये बच्चों की संख्या का कौन सा विशिष्ट अनुपात है।
ऐसे बच्चों की उत्तरजीविता का अनुपात निकालने के लिए उपयुक्त वय सारणियों और मॉडल वय सारणियों की सहायता ली जाती है। जनगणना की दो अवधियों के बीच प्रतिवर्ष पैदा होने वाले बच्चों को इस अवधि के बीच आकलित जनसंख्या के औसत से भाग करके और 1000 से गुणा करके इस विधि की सहायता से कुल जन्म दर निकाली जाती है।