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Paribhasha Kosh (Arthmiti, Janankiki, Ganitiya Arthshastra Aur Aarthik Sankhyiki) (English-Hindi)
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Population pyramid
जनसंख्या स्तूप
जनसंख्या स्तूप की रचना जनसंख्या के लिंग तथा आयु बंटन के प्रतिशत कलन द्वारा की जाती है।
स्त्रियों के प्रतिशत को पिरामिड के दाहिनी ओर दिखाया जाता है और पुरूषों के प्रतिशत को बाईं ओर।
ऐसे पिरामिड का एक चित्र नीचे दिया जाता है:—(DIAGRAM)
पिरामिड की आकृति से हमें तत्काल यह पता चल सकता है कि जनसंख्या का वय-संघटन कैसा है। यदि किसी पिरामिड का आधार बहुत बड़ा और शीर्ष पतला है तो वह उस जनसंख्या की अत्यधिक प्रजनन दर को दर्शाता है।

Population structure
जनसंख्या संरचना
जनसंख्या संरचना में आयु को मुख्य चर माना जाता है। बहुधा इस चर के साथ कुछ दूसरे चर जैसे शिक्षा का स्तर, व्यवसायगत वर्गीकरण आदि भी जनसंख्या संरचना दर्शाते हैं।

Population theory
जनसंख्या सिद्धांत
जनसंख्या सिद्धांत' पद का दो अर्थों में प्रयोग होता है: (1) जनांकिकी विज्ञान के तार्किक और गणितीय आधार के व्यवस्थित नियमों के एक निकाय के रूप में। इसके अंतर्गत जनसंख्या संबंधी मात्रिक आँकड़ों का अध्ययन, उनका परस्पर संबंध और उनका विश्लेषण अमूर्त रूप से प्रस्तुत किया जाता है, (2) अपने दूसरे अर्थ में यह जनसंख्या संबंधी प्रश्नों, जैसे इष्टतम जनसंख्या, वृद्धि दर, जनसंख्या में होने वाले गुणात्मक परिवर्तनों और उनके सामाजिक-आर्थिक तथा राजनीतिक प्रभावों के बारे में अनुमान लगाने का कार्य करता है।
इस अर्थ में यह एक अंतःशास्त्रीय ज्ञान का रूप धारण कर लेता है और इसका ज्यादातर संबंध उपलब्ध साधनों और वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन से जुड़ा रहता है।

Portfolio composition
निवेश संरूपण
पूँजी को विभिन्न रूपों में रखने की प्रक्रिया।
प्रत्येक व्यक्ति अथवा परिवार अपनी पूँजी का निवेश उससे प्राप्त होने वाली आय के अनुसार करने की चेष्टा करता है। पूँजी निवेश के विभिन्न स्वरूपों के बीच वह कैेसे चुनाव करता है उसके इस व्यवहार का अध्ययन निवेश संरूपण सिद्धांत के अंतर्गत किया जाता है।
निवेशों के संरूप पर व्यक्तिगत आयकर, करों की औसत सामाजिक प्रतिफल दर, तथा जोखिम व आय का विशेष प्रभाव पड़ता है।

Positive checks
प्राकृतिक निरोध
जनसंख्या की वृद्धि को रोकने के लिए ऐसे तत्व जो मृत्यु पर प्रभाव डालकर आबादी को बढ़ने से रोकते हैं।
इनके अंतर्गत युद्ध, महामारियाँ, अकाल तथा अन्य प्राकृतिक या दैवी विपत्तियाँ सम्मिलित हैं।

Positive feed back
घनात्मक प्रतिपुष्टि
अर्थव्यवस्था के संतुलन की स्थिति से दूर हटने की प्रवृत्ति।
जब अर्थव्यवस्था प्रारंभ में एक बार अपने संतुलन की स्थिति को विचलित होने के बाद नई शक्तियों के अधीन अपने संतुलन की स्थिति से और आगे हटती जाती है तब इन सब शक्तियों को घनात्मक प्रतिपुष्टि कहा जाता है।

Prediction
पूर्व कथन
किसी विचर के भावी परिमाण के बारे में अनुमान।
यह समस्या दो भिन्न स्थितियों में पैदा होती है:— (1) जब संरचना में कोई परिवर्तन नहीं होता अर्थात् जब पर्यवेक्षण की अवधि और पूर्वकथन की अवधि में संरचना समान बनी रहती है, (2) जब संरचना में पर्यवेक्षण अवधि और पूर्वकथन की अवधि में परिवर्तन हो जाता है।
पहली स्थिति में वहिर्जात चरों का अंतर्गत चरों पर जो प्रभाव होता है उसे हम पर्यवेक्षण की अवधि के आँकड़ों से निकाल सकते हैं तथा अन्तर्जात चरों के संबंध में आवश्यक शर्तें निर्धारित कर सकते हैं जिनके अधीन यह संरचना पूर्वकथन की अवधि में मान्य हो सकती है।
दूसरी दशा में जब कोई संरचना परिवर्तनशील या परिवर्तित होती है। कोई पूर्वकथन करना तब तक कठिन होता है जब तक हमें इस संरचना की विशेषताओं और होने वाले परिवर्तनों के संबंध में पूरा-पूरा ज्ञान न हो।

Predictor
व्याख्यात्मक चर
व्याख्यात्मक चर एक ऐसा प्रतिदर्श होता है जो किसी प्रेक्षित नमूने में दिए गए आँकड़ों का कोई फलन होता है।
यह फलन इस दिए गए नमूने के आधार पर प्रागोक्ति करने के लिए किसी नियम की व्याख्या करता है।
ऐसी प्रागोक्ति को व्याख्यात्मक चर के मान का परिणाम माना जाता है। कुछ व्याख्यात्मक चर अंतराल के रूप में और कुछ विशिष्ट बिन्दुओं के रूप में होते हैं।
इनमें से जिस चर के बारे में प्रागोक्ति की जानी होती है उसके वास्तविक प्रेक्षित मूल्यों का भी उल्लेख किया जाता है। इनका प्रयोग परिकल्पना परीक्षण या प्राचलों के आकलन में किया जाता है।
इस प्रतिदर्शज के प्रायिकता बंटन का पूर्णतः निर्देश किया जाता है तथा इस बात का स्पष्टतः उल्लेख किया जाता है कि किन अभिगृहीतों के अन्तर्गत परिकल्पना सत्य होगी। समाश्रयण विश्लेषण के अन्तर्गत किसी मॉडल की जाँच में ऐसे व्याख्यात्मक चर का बहुधा प्रयोग किया जाता है।

Pregnancy wastage
गर्भक्षय
गर्भक्षय का तात्पर्य प्रति 100 गर्भों के पीछे मृत, प्रसव, गर्भपात और गर्भस्राव की संख्या है।
इस दर को जनन क्षमता का परिकलन करने के लिए एक विशेष चर के रूप में दिखाया जाता है। यह दर विभिन्न सामाजिक स्तरों के व्यक्तियों के लिए अलग-अलग होती है।

Prervalence rate
वर्तमान रोग दर
एक निर्धारित समय पर किसी क्षेत्र या देश में किसी खास रोग से ग्रस्त कुल लोगों की संख्या और उस वर्ष की जनसंख्या का अनुपात वर्तमान रोग दर कहलाती है।
जनांकिकी अध्ययन के अन्तर्गत जन-स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम तैयार करने के लिए इस दर का विशेष महत्व होता है।


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