पूर्ण विधेयन
तर्कशास्त्र में ऐसी प्रतिज्ञप्ति जिसमें विधेय पद उद्देश्य पद को पूर्णतः अभिव्यक्त कर देता है। उदाहरण : `मनुष्य एक विवेकशील प्राणी है।`
Complete Set
पूर्ण समुच्चय
वर्णन की गयी सभी वस्तुओं का पूर्ण समुच्चय, यह गणित और तर्कशास्त्र में प्रयुक्त होता है। उदाहरण : सभी विषम संख्याओं का समुच्चय
x = [x E सभी विषम संख्याओं ] या x = [ x E 1, 3, 5, 7......]
Completive Form
पूरक आकार
वह पूरक आकार जो कलाकार के मन में है, पर वह मूर्त रूप नहीं लिया है। यह पद सौंदर्य शास्त्र में प्रयुक्त होता है।
Complex Dilemma
सम्मिश्र उभयतःपाश
वह उभयतःपाश जिसका प्रथम आधार वाक्य संयोजनात्मक हेतुफलात्मक प्रतिज्ञप्ति है, दूसरा आधार वाक्य वियोजक प्रतिज्ञप्ति है एवं निष्कर्ष भी एक वियोजक प्रतिज्ञप्ति है। इसके दो रूप हैं - विधायक और निषेधात्मक।
विधायक - यदि तुम आगे जाओगे तो शेर तुम्हें खा जायेगा ओर यदि तुम पीछे जाओगे तो खाई में गिर जाओगे।
या तुम आगे जाओगे या तुम पीछे जाओगे।
निष्कर्ष - या तो तुम्हें शेर खा जायेगा या तुम खाई में गिर जाओगे।
निषेधात्मक - यदि तुम आगे जाओगे तो शेर तुम्हें खा जायेगा और यदि तुम पीछे जाओगे तो खाई में गिर जाओगे।
न तो शेर तुम्हें खायेगा, न तुम खाई में गिरोगे।
निष्कर्ष - न तो तुम आगे जाओगे, न तुम पीछे जाओगे।
Complex Double Epicheirema
सम्मिश्र उभयपक्षीय संक्षिप्त प्रतिगामी तर्कमाला
न्यायवाक्यों की वह श्रृंखला जो उत्तर न्यायवाक्य से पूर्व न्यायवाक्य की ओर चलती है, जिसमें पूर्व न्यायवाक्यों का एक आधार-वाक्य लुप्त होता है, जिसमें उत्तर न्यायवाक्य में दोनों आधार-वाक्यों को संक्षिप्त न्याय-वाक्यों के द्वारा सिद्ध किया जाता है, तथा फिर इन संक्षिप्त न्यायवाक्यों के आधारवाक्यों को भी अन्य संक्षिप्त न्यायवाक्यों के द्वारा सिद्ध किया जाता है,
उदाहरण- सभी ऋषि आदरणीय हैं, क्योंकि सभी योगी आदरणीय हैं, और सभी ऋषि योगी हैं। सभी योगी आदरणीय हैं, क्योंकि सभी दार्शनिक आदरणीय हैं, और सभी दार्शनिक आदरणीय हैं, क्योंकि सभी विद्वान आदरणीय हैं, और पुनः सभी ऋषि योगी हैं, क्योंकि सभी तत्वद्रष्टा योगी हैं, और सभी तत्वद्रष्टा योगी हैं, क्योंकि सभी परमार्थी योगी हैं।
Complex Epicheirema
सम्मिश्र संक्षिप्त प्रतिगामी तर्कमाला
न्यायवाक्यों की वह श्रृंखला जो न्यायवाक्य से पूर्व न्यायवाक्य की ओर अग्रसर होती है, जिसमें पूर्व न्यायवाक्य में केवल एक आधार-वाक्य व्यक्त होता है, तथा जिसमें उत्तर न्यायवाक्य के आधारवाक्यों को सिद्ध करने वाले संक्षिप्त न्यायवाक्यों के व्यक्त आधार-वाक्यों को पुनः संक्षिप्त न्यायवाक्यों के द्वारा सिद्ध किया जाता है।
Complex Single Epicheirema
सम्मिश्र एकपक्षीय संक्षिप्त प्रतिगामी तर्कमाला
संक्षिप्त न्यायवाक्यों की वह श्रृंखला जो उत्तर न्यायवाक्य से पूर्व न्यायवाक्य की ओर अग्रसर होती है, जिसमें उत्तर न्यायवाक्य के केवल एक आधार-वाक्य को एक संक्षिप्त न्यायवाक्य के द्वारा सिद्ध किया जाता है और इस संक्षिप्त न्यायवाक्य के व्यक्त आधार-वाक्य को भी पुनः उसी प्रकार सिद्ध का जाता है।
उदाहरण : सभी ऋषि आदरणीय हैं, क्योंकि सभी योगी आदरणीय हैं और सभी ऋषि योगी हैं।
सभी योगी आदरणीय हैं, क्योंकि सभी दार्शनिक आदरणीय हैं।
सभी दार्शनिक आदरणीय हैं, क्योंकि सभी विद्वान आदरणीय हैं।
Composite Idea
सामासिक प्रत्यय, सम्मिश्र प्रत्यय
दो या दो से अधिक प्रत्ययों के मेल से बना प्रत्यय संमिश्र प्रत्यय है। जैसे, नृसिंह, जिसमें 'नृ' और 'सिंह' दो प्रत्ययों का संमिश्र है।
Composite Sense
सामासिक अर्थ
मध्ययुगीन तर्कशास्त्र में, निश्चयमात्रिक वाक्य में सम्मिलित निश्चयमात्रसूचक शब्द (शायद, संभवतः, अनिवार्यतः, इत्यादि) का यह अर्थ कि वह पूरे प्रकृत वाक्य (अथवा अस्ति-वाक्य) का विशेषण है।
देखिये `divided sense`।
Composite Syllogism
सामासिक न्यायवाक्य
वह न्याय रचना जिसमें दो से अधिक आधार-वाक्य होते हैं।
उदाहरण : सभी जन्म लेने वाले मरणशील हैं;
सभी मनुष्य जन्म लेते हैं;
राम एक मनुष्य है;
∴ राम मरणशील है।